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शिमला। प्रदेश के घाटे और तंग रूटों पर परिवहन निगम टेंपो ट्रैवलर चलाएगा। परिवहन निगम टेंपो ट्रैवलर की खरीदारी करने की प्रक्रिया में जुटा गया है। जनजातीय और ग्रामीण क्षेत्रों में ये ट्रैवलर चलाए जाएंगे। निगम की ओर से घाटे और तंग रूटों की लिस्ट तैयार की जा रही है।
बताया जा रहा है कि इनकी संख्या 50 से ज्यादा हो सकती है। इसके अलावा कई रूट ऐसे हैं जहां पुरानी बसें चलाई जा रही हैं। इन बसों को भी बदला जाना है। करीब ढाई सौ नई बसें खरीदी की जानी हैं। परिवहन निगम का मानना है कि कई रूटों में बसों के चालक परिचालक की तनख्वाह और डीजल का खर्चा तक नहीं निकल रहा है। इससे निगम लगातार घाटे में जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों के कई रूटों की बसों में 15 से 20 सवारियां प्रतिदिन सफर कर रही हैं
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की ओर से राजधानी को आने वाली बसों में सवारियों की संख्या नाकाफी है। ऐसे में निगम ने सवारियों के मुताबिक ही वाहन चलाने का फैसला लिया है। टेंपो ट्रैवलर में 20 से 22 सीटें होती हैं।
ऐसे में घाटे वाले रूटों पर इन्हें चलाया जाना कारगर साबित होगा। अगर सवारियां ज्यादा होती है तो ऐसी स्थिति में 32 सीटर बस को भी भेजा जा सकता है। निगम के बेड़े में ऐसी दर्जनों बसें हैं जिनको सड़कों पर चलते हुए 15 साल से ज्यादा का समय हो गया है। कई बसों से पानी टपकता है तो कई बसें सड़क पर ही खड़ी हो जाती है। ऐसे में पुरानी बसों को हटाना आवश्यक हो गया है। सरकार ने परिवहन निगम को घाटे से उभारने के भी निर्देश दिए हैं।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि लोगों को परिवहन सुविधाएं देने के लिए टैंपो ट्रैवलर चलाने का फैसला लिया है। परिवहन निगम को घाटे से उभारने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में परिवहन निगम में चालक, परिचालक व अन्य कर्मचारियों क भर्ती की जाएगी।