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दिल्ली। कथित शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट का कोर्ट ने संज्ञान लिया है और अरविंद केजरीवाल समेत कई आरोपियों को 12 जुलाई को कोर्ट में तलब किया गया है। ईडी ने चार्जशीट में आम आदमी पार्टी पर कई बड़े आरोप लगाए हैं और उसे आरोपी नंबर 38 बनाया है।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में ईडी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी को शराब घोटाले से मिली 100 करोड़ की रिश्वत में से 45 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष रूप से आम आदमी पार्टी को मिले और हवाला चैनल्स के जरिए इस रकम को गोवा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल के लिए भेजा गया।
ईडी ने चार्जशीट में दावा किया है कि मनी लॉन्ड्रिंग अपराध में आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका पूरी तरह स्पष्ट है। राउज ऐवेन्यू स्थित ट्रायल कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट का संज्ञान लिया है जिसे पिछले महीने दायर किया गया था। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल समेत अन्य कई आरोपियों के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी करते हुए 12 जुलाई को अदालत में मौजूद रहने को कहा है। चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को आरोपी नंबर 38 बताया गया है। इस बीच केजरीवाल ने अदालत से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की अनुमति मांगी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने चार्जशीट में कहा, ‘आम आदमी पार्टी को अपराध से अर्जित आय में 45 करोड़ रुपए मिले और इसे हवाला के जरिए गोवा भेजा गया। इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार में किया गया। इस तरह आम आदमी पार्टी, जिसके मुखिया अरविंद केजरीवाल हैं, 45 करोड़ रुपये की अपराध आय को प्राप्त करने, उपयोग और छिपाने जैसी गतिविधियों में शामिल है।’
यह पहली बार है जब किसी राजनीतिक दल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी बनाया गया है। ईडी का दावा है कि वित्त वर्ष 2021-22 की शराब नीति में शराब कारोबारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया और बदले में उनसे रिश्वत ली गई। हालांकि, आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार आरोपों से इनकार करती रही है।