Kangra: टांडा मेडिकल कॉलेज में जूनियर के साथ रैगिंग, गाली गलौज और कपड़े फाड़े

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कांगड़ा। हिमाचल के स्कूल कॉलेजों सहित अन्य संस्थानों में रैंगिग पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। रैगिंग को आपराधिक श्रेणी में रखा गया है। बावजूद इसके बीच बीच में रैगिंग के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला अब हिमाचल के कांगड़ा जिला के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा से सामने आया है।

टांडा मेडिकल कॉलेज में रैगिंग: टांडा मेडिकल कॉलेज में सीनियर प्रशिक्षु डॉक्टरों ने जूनियरों रैगिंग की है। रैगिंग में इन सीनियर प्रशिक्षु डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टरों के साथ ना सिर्फ मारपीट की बल्कि उनके कपड़े तक फाड़ दिए। मामला सामने आने के बाद पूरे टांडा मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया है। वहीं रैगिंग का शिकार हुए जूनियर प्रशिक्षु डॉक्टरों ने इसकी शिकायत टांडा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से की है।

सीनियर ने जूनियर प्रशिक्षु डॉक्टरों कमरे में बुलाकर की रैगिंग: जूनियर प्रशिक्षु डॉक्टरो की शिकायत पर कॉलेज प्रबंधन ने कड़ा संज्ञान किया है और इस मामले की जांच बैठा दी है। अपनी शिकायत में जूनियर प्रशिक्षु डॉक्टरों का कहना है कि बुधवार पांच जून की रात को करीब छह से साढ़े सात बजे के बीच उनके साथ रैगिंग की गई। इस दौरान एमबीबीएस बैच 2020 के नौ प्रशिक्षु डॉक्टरों को सीनियरों ने बॉयज हॉस्टल के कमरा नंबर 108 में बुलाया था।

गालियों के साथ फाड़ दिए कपड़े, की मारपीट: रैगिंग का शिकार हुए छात्रों ने बताया कि 108 कमरे में पहले तो सीनियरों ने जूनियर प्रशिक्षु डॉक्टरों को गालियां दी और उसके बाद मारपीट करने लगे। इस बीच उनके कपड़े भी फाड़ दिए। इस घटना की नेशनल मेडिकल कमीशन तथा अमरु युनिवर्सिटी से शिकायत की गई है। वहीं मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए टांडा मेडीकल कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने 2019 तथा 2022 बैच के सीनियर प्रशिक्षु डाक्टरों को दोषी पाया है।

एक साल के लिए निष्कासित किए आरोपी: एंटी रैगिंग कमेटी ने इन दोषी प्रशिक्षु डॉक्टरों में दो को एक-एक लाख रुपए जुर्माना तथा एक साल के लिए कक्षाओं तथा होस्टल से निष्कासित कर दिया है। इसके अलावा दो अन्य आरोपियों को 50-50 हजार रुपए जुर्माने के साथ छह महीनों के लिए होस्टल तथा कक्षाओं से निष्कासित कर दिया है। जुर्माना राशि को सात दिन के भीतर जमा करवाने के भी सख्त आदेश जारी कर दिए गए हैं।

बता दें कि अभी मात्र नौ माह पहले ही सितंबर 2023 में भी टांडा मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया था। लेकिन सीनियर प्रशिक्षु डॉक्टरों ने उस घटना से भी सबक नहीं लिया और एक बार फिर जूनियर प्रशिक्षु डॉक्टरों की रैगिंग कर दी।

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