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Himachal: घर के आंगन से एक साथ उठी तीन अर्थियां, परिजन हुए बेसुध, किसी के घर नहीं जला चूल्हा

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मंडी। हिमाचल के मंडी जिला के एक गांव में माहौल उस समय दर्दभरा हो गया, जब एक घर के आंगन से एक साथ तीन तीन अर्थियां उठीं। मंडी जिला के बालीचौकी क्षेत्र की ग्राम पंचायत खलवाहन का एक परिवार दुख के सागर में डूब गया। एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने परिजनों को सदमें में डाल दिया। जब अंतिम संस्कार की घड़ी आई तो एक ही आंगन में तीन तीन अर्थियों को सजाया गया। जिसे देख कर माहौल गमगीन हो गया। वहीं चीखो पुकार से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।

एक साथ आंगन से उठी तीन अर्थियां: इस दर्दनाक मंजर को देख कर हर किसी की आंख से झर झर आंसू बहने लगे। आंगन से तीन अर्थियों को उठता देख परिजन तो बेसुध ही हो गए। गमगीन करने वाली घटना यह भी है कि परिवार का सदस्य उदमी राम जिस बेटे के हाथों में मेहंदी रचाने के सपने लिए लड़की वालों के घर जा रहा। उसी बेटे के हाथों पिता की चिता को मुखाग्नि दी।

गुरुवार को हादसे में परिवार के तीन लोगों की हुई थी मौत: बता दें कि बीते गुरुवार को बेटे के रिश्ते की बात करने के लिए खलवाहन पंचायत का प्रधान उदमी राम अपने भाई और चाचा के साथ कार में जा रहा था। इसी बीच कार बालीचौकी सुधराणी में अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में कार में सवार तीनों लोगों की मौत हो गई। यह तीनों एक ही परिवार के सदस्य थे।

शुक्रवार को किया गया अंतिम संस्कार: बीते रोज शुक्रवार को तीनों का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान आंगन में एक साथ तीन तीन अर्थियों ने हर किसी के दिल को दहला दिया। तीनों की अंतिम विदाई में पूरा गांव शरीक हुआ और नम आंखों से उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस भयानक घटना के बीच कई घरों के चूल्हे तक नहीं जले। अंतिम संस्कार के समय परिवार और परिजनों की चीखों से पूरा क्षेत्र गुंज उठा।

कई घरों में नहीं जले चूल्हे: कोई भी इस घटना पर यकीन कर पा रहा है। परिवार के कई सदस्य बेसुध पड़े हैं। जिन्हें स्थानीय लोग दिलासा दे रहे हैं। मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने के लिए रिश्तेदारों का आना जाना लगा हुए है। पूर्व प्रधान भूमे राम ने बताया कि उनका घर उदमी राम के घर के साथ ही और उनका परिवार की तरह रिश्ता है। परिवार के सदस्यों को मुश्किल से धीरज बंधाया जा रहा है।

पूर्व प्रधान ने जान जोखिम में डालकर निकाले थे शव: बताया जा रहा है कि हादसे के बाद कोई भी व्यक्ति नाले से शवों को निकालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। मगर पूर्व प्रधान भूमे राम अपनी जान को जोखिम डालकर शवों को निकालने के लिए आगे आए। इसके बाद ही पुलिस के साथ अन्य लोगों ने भी दम भरा और नाले से शवों को बाहर निकाला।

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