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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश में आए दिन बच्चियों, युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाले यौन अपराधों से जुड़े ढेरों मामले सामने आते हैं। इन मामलों में पीड़िताओं को इंसाफ पाने के लिए लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ता है। मगर हिमाचल के जिला कांगड़ा में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अनिल शर्मा की अदालत ने चार साल की सुनवाई के बाद ही नाबालिग लड़की को घर से भगाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को कठोर कारावास की सजा सुना दी है।
कोल्ड ड्रिंक्स लाने गई थी बाजार: यह मामला 2 जून, 2020 का है। पीड़िता उस वक्त दिन में कोल्ड ड्रिंक्स लाने के लिए आलमपुर बाजार गई थी। मगर उसके बाद पीड़िता घर वापस नहीं आई। परिजनों ने उसे रिश्तेदारों और अन्य स्थानों पर ढूंढा। मगर उसका उसके कुछ पता नहीं चल सका। 3 जून, 2020 को पीड़िता की मां ने आलमपुर थाना में बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई।
गाड़ी में साथ ले गया युवक: वहीं, मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए पुलिस टीम ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी। जांच के दौरन पुलिस टीम को पता चला कि 2 जून, 2020 को नाबालिग आलमपुर के रहने वाले 22 वर्षीय अभिषेक के साथ गाड़ी में बैठकर राजपुर की तरफ गई थी। वहां वह दोनों किसी रिश्तेदार के पास बतौर किराएदार रहने लगे। इसके बाद 5 जून, 2020 को शाम को पीड़िता और आरोपी अभिषेक अपने कमरे से कहीं बाहर घूमने गए थे, लेकिन वापस कमरे में नहीं लौटे। फिर, 6 जून, 2020 की दोपहर को पुलिस टीम द्वारा आरोपी को लंबागांव में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा।
मिली यह कठोर सजा: जहां चार साल तक सुनवाई चली और मुकदमे के दौरान कोर्ट में 31 गवाहों को पेश करने, सभी दलीलों को सुनकर अदालत ने अभिषेक को किशोरी को घर से भगाने और उसके साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया। अब कोर्ट ने दोषी अभिषेक को 10 साल के कठोर कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। वहीं, जुर्माना ना देने पर सजा की वृद्धि का भी प्रावधान किया गया है।