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हमीरपुर। हिमाचल में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हो चुके तीन पूर्व निर्दलीय विधायकों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। बीते रोज शनिवार को हमीरपुर सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा को शिमला के बालूगंज पुलिस थाना ने दो घंटे थाने में बैठाए रखा। इस दौरान उनके साथ राज्यसभा सीट पर चुनाव के बाद देहरादून और चंडीगढ़ के होटलों में ठहरने की डिटेल मांगी और सख्ती से पूछताछ भी की।
आशीष शर्मा के घर के बाहर चलाई जेसीबी: वहीं अब सीएम सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर में पूर्व विधायक आशीष शर्मा के घर के बाहर भी प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन ने आशीष शर्मा के घर के बाद जेसीबी चला दी है। जिसे आशीष शर्मा ने सरकार की शर्मनाक हरकत बताया है। दरअसल आज लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने आशीष शर्मा के घर के बाहर बनाए गए स्पीड ब्रेकरों को जेसीबी की मदद से उखाड़ दिया है।
सरकार परेशान करने के लिए कर रही ये सब कुछ: प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की इस कार्रवाई पर आशीष शर्मा भड़क गए हैं। आशीष शर्मा ने कहा कि सुक्खू सरकार इस तरह के हथकंडे अपना कर उन्हें परेशान करने का प्रयास कर रही है। वहीं वह चुनाव प्रचार को अधिक समय ना दे सकें, इसके लिए इस तरह की ओछी हरकतें कर रही है। अपने सोशल मीडिया हैंडल पर आशीष शर्मा ने लिखा है कि मेरे निवास स्थान के बाहर मुख्य सड़क पर बनाए गए स्पीड ब्रेकर्स को विभाग के कर्मचारियों ने उखाड़ दिया है।
लोगों की सुविधा के लिए बनाए थे स्पीड ब्रेकर्स: पूर्व विधायक ने लिखा है कि उनके निवास स्थान पर उनसे मिलने आने वालों को सड़क पार करने में परेशानी ना हो, इसके लिए यह स्पीड ब्रेकर्स बनाए गए थे, लेकिन सरकार की घटिया मानसिकता यह दर्शाती है कि अब वह जनता के हितों से भी खिलवाड़ करने पर उतारू हो गई है।
जनता के पैसों का सरकार कर रही दुरुपयोग: आशीष शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने नए विकास कार्य तो क्या करवाने पर जनता के पैसे से हुए कार्यों को भी उखाड़ा जा रहा है। इसका हिसाब जनता करेगी। बता दें कि इससे पहले बीते रोज शनिवार को भी आशीष शर्मा अपना चुनाव प्रचार बीच में छोड़ कर बालूगंज थाना में उपस्थित हुए थे। जहां उन्हें थाने में दो घंटे बैठाए रखा और उनसे सख्ती से पूछताछ की गई।
बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनावों में आशीष निर्दलीय चुनाव लड़ कर विधायक बने थे। जिसके बाद फरवरी में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के बाद उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। इसी बीच उन्होंने अपने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया था। जिसे स्पीकर ने तीन जून को स्वीकार किया था।