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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और राहत मिली. दिल्ली हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी है. शीर्ष अदालत का कहना है कि उसके पास केजरीवाल से सीएम पद से हटने के लिए पूछने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है.
कोर्ट ने साफ करते हुए कहा है कि, 'हमारा ये काम नही है, हम इसमें दखल नहीं देना चाहते हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली शराब घोटाले के आरोपी अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. याचिकाकर्ता, ने आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक संदीप कुमार द्वारा दायर याचिका को खारिज करने के हाई कोर्ट के अप्रैल के आदेश को चुनौती दी, जिन्होंने इसी तरह की राहत की मांग की थी.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने यह कहते हुए विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी कि वह हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है. न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा 'हमें इस सब में नहीं पड़ना है? अगर वह जारी रखना चाहते हैं तो रहने दें. एलजी चाहेंगे तो कार्रवाई करेंगे. कोर्ट ने कहा कि आप औचित्य का प्रश्न उठा सकते हैं लेकिन कोई कानूनी अधिकार नहीं है.'
कोर्ट ने यह भी कहा कि कई याचिकाएं पहले ही खारिज की जा चुकी हैं. केजरीवाल को हटाने की मांग वाली हाई कोर्ट के समक्ष दायर हुई तीसरी ऐसी याचिका थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि याचिकाकर्ता के खिलाफ "भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए". सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिकाकर्ता की आलोचना की थी और उनकी याचिका को "प्रचार पाने की मंशा" कहा था. बाद में जब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की सुनवाई की, तो अदालत ने पूर्व विधायक पर कड़ा रुख अपनाया और उन पर 50000 का जुर्माना लगाया।