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मंडी, 22 अप्रैल: धर्मपुर में हिमाचल पथ परिवहन निगम की घटनाओं के बाद डिपो की कार्यप्रणाली सवालों के कटघरे में खड़ी हो गई है जोगिंदर नगर से अमृतसर जा रही बस के पिछले चारों टायर कोटला गांव के नजदीक खुल गए। गनीमत यह रही की इस घटना में सफर कर रही सवारियों को कोई नुकसान नहीं हुआ और बड़ा हादसा होने से टल गया। इस घटना के बाद निगम प्रबंधन ने चालक को निलंबित कर दिया था।
निलंबन के बाद चालक का कहना था की उसपर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। चालक ने कहा बस का काम किए बगैर उन्हें जबरदस्ती रूटों पर भेजा जाता है इनकार करने वालों को चार्जशीट का डर दिखाकर डराया जाता है। चालक ने इस हादसे के लिए हेड मैकेनिक और क्षेत्रीय प्रबंधक को दोषी ठहराया है। चालक के साथ अन्य चालकों ने भी निगम प्रबंधन को चेताया है की निलंबित चालक को बहाल नहीं किया गया तो साथ मिलकर धरने के लिए बैठ जाएंगे और न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी कुरेज नहीं करेंगे।
चालक ने बताया अशोक लेलैंड की दो बसें है जिनमें पिछले एक साल एयर प्रेशर बनाने की समस्या है और प्रबंधन को बहुत बार इस समस्या के बारे में भी बताया भी गया है लेकिन कोई काम नहीं हुआ और बस में 6 गियर होते है लेकिन इनमें सिर्फ दूसरा गियर ही सही से लगता है बाकी निकल जाते है।
चालक ने बताया उस दिन भी बस में एयर प्रेशर की समस्या थी और मैंने परिचालक को बुलाकर डिपो में फोन करने के लिए कहा और डिपो में बताया की यह बस नहीं जाएगी और मुझे कहा गया की आप धीरे धीरे आ जाओ हम आपको गाड़ी दे देंगे। उस दौरान कोटला के पास मैंने एक आईटीआई का छात्र बिठाया और मात्र 100 फीट आगे पिछले चारों टायर बस की बॉडी से अलग हो गए।
एचआरटीसी धर्मपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद शर्मा ने बताया की इस हादसे के लिए पूर्ण रूप से चालक जिम्मेदार है। यह हादसा चालक की लापरवाही से हुआ है लेकिन मैनेजर ने यह भी माना की इस बस में टाटा कंपनी की रकाबे डाली गई थी जबकि यह गाड़ी अशोक लेलैंड कंपनी की है।