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Supreme Court: कांग्रेस के बागी विधायक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, स्पीकर के फैंसले को देंगे चुनौती, 6 मार्च को सुनवाई संभव

Anil Kashyap
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न्यूज अपडेट्स 
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के छह बागी विधायक सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) पहुंचे। इन्होंने हिमाचल विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया के फैसले के खिलाफ SC में याचिका दायर कर दी है। संभव है कि इस पर 6 मार्च को सुनवाई होगी।

दरअसल, बागी विधायकों को कुलदीप पठानिया ने एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत दोषी मानते हुए बीते 28 फरवरी को अयोग्य घोषित करार दिया। इसके बाद सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा, धर्मशाला के सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ के देवेंद्र कुमार भुट्टो, बड़सर के इंद्र दत्त लखनपाल, लाहौल-स्पीति के रवि ठाकुर और गगरेट के चैतन्य शर्मा हिमाचल विधानसभा के सदस्य नहीं रहे।

कानून के जानकार मानते हैं कि इस तरह के मामलों में अदालतों में लंबा वक्त लगता है। इसलिए याचिका में स्पीकर के ऑर्डर को जल्द स्टे करने का आग्रह किया गया है, ताकि इनकी सदस्यता को बहाल किया जा सके।

एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत सुनाया फैसला: स्पीकर कुलदीप पठानिया ने ट्रिब्यूनल के चेयरमैन के तौर पर संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान द्वारा दायर याचिका पर अपना यह फैसला सुनाया है। इसमें कहा गया कि यह कार्रवाई एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत की गई। व्हिप की अवहेलन का भी ऑर्डर में जिक्र किया गया। राज्यसभा की वोटिंग में व्हिप नहीं है। इसलिए उस पार्ट को नहीं छेड़ा गया।

स्पीकर ने अपनी जजमेंट में कहा कि सरकार जनता की है। एक विधायक 80 हजार लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। इन विधायकों ने चुनाव कांग्रेस पार्टी से लड़ा। मगर, इन्होंने एंटी डिफेक्शन लॉ के कुछ प्रावधान अपनी ओर आकर्षित किए हैं। याचिकाकर्ता और प्रतिवादी के पक्ष को सुनने के बाद उन्होंने फैसला सुनाया।

व्हिप पर बागी विधायकों के साइन: ऑर्डर के अनुसार, छह विधायक कट मोशन पर वोटिंग और विधानसभा में जब बजट पारित किया गया, उस दौरान सदन से गैर हाजिर रहे। जबकि, पार्टी ने इन्हें पहले ही 'व्हिप' जारी किया था। 'व्हिप' पर इन्होंने साइन भी कर रखे हैं। यह सभी विधायक दल बदल कानून के तहत दोषी पाए गए। इस पर स्पीकर ने 30 पन्नों का फैसला सुनाया है।

आया-राम गया राम की राजनीति नहीं होनी चाहिए: स्पीकर ने कहा कि एंटी डिफेक्शन लॉ की इंटेंशन और लॉ कमीशन की रिपोर्ट बोलती है कि आया राम गया की राजनीति नहीं होनी चाहिए। जब कोई किसी पार्टी से शपथ लेता हैं तो उसे उसी विचारधारा के साथ रहना चाहिए।

इन्होंने BJP के महाजन को जिताया: दरअसल, कांग्रेस के बागी विधायकों और तीन निर्दलीय के वोट की वजह से भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन राज्यसभा चुनाव में विजयी हुए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए। अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा के हर्ष महाजन दोनों को 34-34 वोट पड़े। अंत में लॉटरी से हर्ष महाजन विजय घोषित हुए।

हिमाचल में अब 62 विधायक बचे: 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में अब 62 विधायक बचे हैं। इनमें 34 कांग्रेस, 25 बीजेपी और तीन इंडिपेंडेंट हैं। निर्दलीय ने भी भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया है।

केंद्र ने दी Y श्रेणी की सुरक्षा: केंद्र सरकार ने बागी विधायकों को Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। प्रत्येक विधायक की सुरक्षा में CRPF के एक हेड कॉन्स्टेबल की अगुवाई में चार कमांडो तैनात किए गए हैं।। बागी विधायकों को Y श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए गृह मंत्रालय ने पत्र जारी कर दिया है। यह पत्र हिमाचल के DGP को आया है।

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