हिमाचल: 4 दशकों से लटका था जमीन का इंतकाल, राजस्व अदालत में सुलझा मामला

Anil Kashyap
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न्यूज अपडेट्स 
कांगड़ा, 08 फरवरी: ‘‘मुख्यमंत्री जी, पिछले 40 साल से मेरी जमीन के इंतकाल का केस लटका हुआ था। इतनी परेशानी हो रही थी कि बता नहीं सकता। एक किसान का बेटा हूं और इतने अरसे के बाद अपनी जमीन मिली है, जो आपके प्रयासों से ही सम्भव हो सका है। किसान कितने दुःखी थे कोई अंदाजा नहीं लगा सकता। आपने उनकी परेशानियां दूर कर यह बहुत अच्छा काम किया है।“ बीरबल शर्मा ने आज कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी क्षेत्र के अंब पठियार में आयोजित ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दौरान यह भावनाएं व्यक्त कीं। 

राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा किए गए संवाद में उन्होंने यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ही प्रदेश भर में राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। 

आपदा राहत पैकेज के लाभार्थी मदन लाल ने कहा कि बारिश के कारण उनका घर गिर गया और अब राज्य सरकार से तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता पहली किस्त के रूप में मिली है और मकान का काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा सा मकान बनाओ, राज्य सरकार पूरे सात लाख रुपए की मदद प्रदान कर रही है। नियम बदल कर मुआवजा राशि बढ़ाई है। इसी योजना के लाभार्थी मिल्खी राम ने तीन लाख रुपए की प्रथम किस्त के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। 

मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के लाभार्थी अमित ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उसे 4 हजार रुपए प्रति माह पॉकेट मनी के लिए मिल रहे हैं। वहीं प्रियंका ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि आपने हम जैसे बच्चों के लिए पहली बार इतनी बेहतर योजना शुरू की है और वास्तव में आप ही हमारा सहारा बने हैं। 

मुख्यमंत्री ने पूछा पढ़ाई कर रही हो, तो प्रियंका ने कहा कि बीएड करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पढ़ाई का पूरा खर्च भी देगी। इसके साथ ही विवाह तथा स्टार्ट-अप के लिए 2-2 लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान करने, घर बनाने के लिए जमीन और 3 लाख रुपए आर्थिक सहायता सहित अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं।

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