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पेटीएम पेमेंट्स बैंक के लाखों ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि वह पेटीएम के उन ग्राहकों की मदद करने के लिए तैयार है, जो भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश के बाद एक मार्च से प्रभावित होंगे। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार नहीं करने का निर्देश दिया है। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि अगर आरबीआई पेमेंट बैंक का लाइसेंस रद्द करता है तो उसे बचाने के लिए सीधे आने की 'हमारी कोई योजना नहीं है।' खारा ने हालांकि यह जोड़ा कि अगर आरबीआई की ओर से कोई निर्देश मिलता है तो बैंक तैयार रहेगा। हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।
यह पूछने पर कि क्या एसबीआई का फिनटेक फर्म के साथ कोई संबंध है, खारा ने कहा कि यह निपटान से परे कुछ भी नहीं है। यह पूछने पर कि क्या बैंक उन लाखों पेटीएम ग्राहकों की मदद करने के लिए तैयार है, जो व्यापारी हैं, उन्होंने कहा, 'बिल्कुल, हमारी सहायक कंपनी एसबीआई पेमेंट्स पहले ही इन व्यापारियों के संपर्क में है और हम उन्हें किसी भी समय लेने के लिए तैयार हैं।' उन्होंने कहा, 'हम उन्हें अपनी पीओएस मशीनें देने और उनके सामने आने वाली अन्य सभी भुगतान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार हैं।'
आपको बता दें कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और वॉलेट पेटीएम तथा इसकी बैंकिंग शाखा के बीच सैकड़ों करोड़ रुपए के संदिग्ध लेनदेन के कारण की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। आरबीआई ने एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। इन रिपोर्टों से भुगतान बैंक में लगातार नियमों के गैर-अनुपालन और सामग्री पर्यवेक्षण से जुड़ी चिंताएं सामने आईं।
आरबीआई ने इसके पहले 11 मार्च, 2022 को पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था। वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है लेकिन वह इसे अपनी सहयोगी के रूप में वर्गीकृत करता है, न कि अनुषंगी कंपनी के रूप में। सूत्रों ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के पास लाखों गैर-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालन वाले खाते थे और हजारों मामलों में कई खाते खोलने के लिए एक ही पैन का उपयोग किया गया था। सूत्रों ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जहां लेनदेन का कुल मूल्य करोड़ों रुपए में है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की चिंताएं बढ़ रही हैं। एक विश्लेषक के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं।