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शिमला, 15 फरवरी: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि छोटे राज्यों के हकों को दबाया नहीं जाना चाहिए और हिमाचल को उसके अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बावजूद बीबीएमबी में हिमाचल के हक नहीं मिल रहे हैं तथा पंजाब व हरियाणा को छोटे भाई हिमाचल का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किशाऊ जल विद्युत परियोजना में वाटर कम्पोनेंट आधार पर पावर कम्पोनेंट में 90ः10 केन्द्र तथा राज्य सरकार को फंड करने अथवा राज्य के हिस्से में सभी पावर कम्पोंनेट में 50 वर्ष तक ब्याजमुक्त ऋण सुविधा प्रदान करने का अनुरोध भी केन्द्र से किया गया है।
राममंदिर को राजनीति से न जोड़े: मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की सभी को खुशी है लेकिन इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। भगवान राम सभी के आराध्य हैं और सरकारें उनके आदर्शों पर चलें। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पर केंद्र सरकार ने आधे दिन की छुट्टी की, जबकि प्रदेश सरकार ने सरकारी कार्यालयों एवं संस्थानों में पूरे दिन का अवकाश घोषित किया।
पिछली सरकार ने कर्ज के दलदल में धकेला: ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने हिमाचल को कर्ज के दलदल में धकेला। वर्तमान सरकार ने अपने 14 माह के कार्यकाल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए ठोस प्रयास किए, जिससे धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था बेहतर हो रही है।
इतिहास की सबसे बड़ी तबाही: ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली बरसात में प्रदेश ने इतिहास की सबसे बड़ी तबाही देखी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को समुचित सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव कर अपने सीमित संसाधनों से, 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज जारी कर मुआवजा कई गुणा बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ व भुज त्रासदी के दौरान केंद्र सरकार ने विशेष राहत पैकेज दिया, लेकिन हिमाचल में आई इस आपदा पर राज्य को कोई भी विशेष मदद प्रदान नहीं की गई, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।