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शिमला, 15 जनवरी: लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने फिर दोहराया है कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में जाएंगे। उन्होंने इस विषय में शीर्ष नेतृत्व से भी बात कर ली है। प्राण प्रतिष्ठा का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को अयोध्या जाने को लेकर कांग्रेस में मतभेद चल चल रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्जुन मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी निमंत्रण को पहले ही ठुकरा चुके हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अयोध्या राम भगवान की जन्मभूमि है और वहां मंदिर निर्माण होना चाहिए। इस मामले में किसी भी तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए थी।
उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। दोनों ही चीजें अलग-अलग हैं। श्रीराम में उनकी अटूट आस्था है। वह इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनेंगे। इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी सहित सभी संस्थाओं का आभार प्रकट किया है।