हिमाचल: 'सरकार गांव के द्वार' शुरू करने की स्वीकृति, एसपीपी स्थापित करने के लिए सरकार उपलब्ध करवाएगी ऋण, यहां जानिए अन्य फैंसले

Anil Kashyap
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न्यूज अपडेट्स 
शिमला, 01 जनवरी: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में युवाओं को सशक्त बनाने व स्वच्छ ऊर्जा पहल को आगे बढ़ाने के दृष्टिगत सौर ऊर्जा के दोहन के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के चरण-2 को शुरू करने का निर्णय लिया गया। 

यह योजना 100 किलोवाट से 500 किलोवाट तक क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं (एसपीपी) को स्थापित करने पर केंद्रित है। यह योजना राज्य के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने में मील पत्थर साबित होगी। यह योजना 21 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं को उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ कौशल विकास को प्रोत्साहित करेगी।
  
योजना के तहत प्रतिभागियों को तीन बीघा भूमि पर 100 किलोवाट क्षमता की परियोजना स्थापित करने के लिए 25 वर्षों तक लगभग 20,000 रुपये मासिक आय और क्रमशः पांच और दस बीघा भूमि में स्थापित की जाने वाली 200 किलोवाट और 500 किलोवाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए 40,000 रुपये व एक लाख प्रतिमाह मासिक आय प्राप्त होगी।
  
ऋण उपलब्ध करवाएगी सरकार: योजना के तहत, वित्तपोषण में राज्य सरकार द्वारा 70 प्रतिशत बैंक ऋण उपलब्ध करवाने में सहायता और राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत इक्विटी प्रदान की जाएगी। सौर ऊर्जा डेवलपर को केवल 10 प्रतिशत जमानत राशि जमा करवानी होगी। यह जमानत राशि 25 वर्षों के उपरान्त डेवलपर को वापिस कर दी जाएगी।
  
सरकार गांव के द्वार: मंत्रिमण्डल ने 8 जनवरी, 2024 से पूरे राज्य में ‘सरकार गांव के द्वार’ शुरू करने को भी स्वीकृति प्रदान की। इस दौरान 12 फरवरी, 2024 तक गांवों के समूहों में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद किया जाएगा।

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