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चेक बाउंस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंबा सुभाष चंद्र भसीन की अदालत ने एलआईसी एजेंट को एक वर्ष का साधारण कारावास, राशि को चुकता करने समेत 3 लाख 80 हजार रुपये जुर्माना अदा करने के आदेश सुनाए हैं।
शहर की एक महिला ने न्यायालय में याचिका दायर कि एलआईसी एजेंट 10-12 वर्षों से उनके परिवार के सदस्यों की एलआईसी पॉलिसी करता आ रहा है। एलआईसी एजेंट ने उनसे 10 लाख रुपये उधार मांगा, लेकिन पैसों की उपलब्धता न होने पर उन्होंने उसे मना कर दिया।
इसके बाद एलआईसी एजेंट ने पॉलिसी के आधार पर दस लाख का ऋण लेने की उसने आश्वासन दिया कि वे एक या दो माह के भीतर ही ऋण की रकम वापस कर देगा। एजेंट की बातों में आकर उन्होंने बैंक से ऋण के लिए दस्तावेज जमा करवाएं साथ ही उसके दो चैक भी बैंक में जमा करवा दिए।
7 जून 2019 में उनके खाते में ऋण की राशि पड़ गई। जिसे निकाल कर उन्होंने एजेंट को विश्वास पर पैसे अदा कर दिए, लेकिन निर्धारित समयावधि बीतने के बाद भी पैसे वापस न मिलने पर एजेंट से संपर्क साध कर उधार लिए पैसे लौटने की बात कही।
जिस पर आरोपी आजकल में पैसे लौटने की बात कहने लगा। उसकी बातों में विश्वास कर व्यक्ति ने उसे ओर समय दे दिया। इसके बाद एजेंट ने फोन तक उठाना बंद कर दिया। जिस पर उन्होंने एजेंट द्वारा दिए गए चैक बैंक में लगा दिए, लेकिन उसके बैंक खाते में पैसे न होने पर चेक बाउंस हो गया। जिस पर बैंक प्रबंधन की की ओर से उनसे संपर्क साध कर उक्त खाते में पैसे न होने की बात बताई गई।
ये बात सुन कर उसके पांव तले जमीन खिसक गई। उन्होंने आरोपी एजेंट के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की। मामले के तहत आखिरकार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को एक वर्ष का कारावास और तीन लाख 80 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया।