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शिमला, 15 नवंबर: प्रदेश सरकार नशे के खिलाफ प्रहार तो कर रही है। नशा माफिया की संपत्तियां तक जब्त की जा रही हैं, लेकिन सरकारी बसें पान-मसाला का प्रचार कर रही हैं। राजधानी शिमला में एचआरटीसी की बसों में नशे को बढ़ावा देने वाले विज्ञापन चस्पां हैं। हैरानी यह है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हाल ही में ऐसे सभी विज्ञापनों को हटाने के निर्देश दिए थे लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा।
शिमला और अन्य जिलों में चल रही एचआरटीसी की कई बसों में पान-मसाला के विज्ञापनों के पोस्टर लगे हुए हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने परिवहन निगम को कड़े निर्देश दिए हैं कि बसों में लगने वाले विज्ञापन किसी भी प्रकार के नशों को प्रोत्साहन देने वाले न हों, बावजूद इसके राजधानी शिमला में चल रही परिवहन निगम की बसों में खुलेआम पान-मसाले के विज्ञापन दिखाई दे रहे हैं। शिमला के पुराना बस अड्डा आने और जाने वाली बसों में इस तरह के पोस्टर लगे हैं।
ऐसे विज्ञापनों का बच्चों पर पड़ रहा है बुरा प्रभाव: सेवानिवृत अभियंता सुभाष वर्मा ने कहा कि सरकार के आदेशों के बावजूद नशे से जुड़े विज्ञापन एचआरटीसी की कई बसों में रोजाना दिखते हैं। युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए इनको बंद करवाना चाहिए। मदद सेवा ट्रस्ट के विकास थापटा ने कहा कि कई विभाग बाजारीकरण की ओर रुख कर रहे हैं।
नशीले पदार्थों के विज्ञापन लगाने से युवा इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं और नशे की लत में पड़ जाते हैं। शिमला व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि बसों पर नशे से संबंधित लगे विज्ञापन जल्द बंद होने चाहिए।
हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में अगर नशीले पदार्थों से संबंधित विज्ञापन पाए जाते हैं तो इस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। - रोहन चंद ठाकुर, प्रबंध निदेशक एचआरटीसी