हरियाणा में बुधवार को रोडवेज की बसें नहीं चलेंगी और चक्का जाम किया गया है. अंबाला बस स्टैंड में रोडवेज कर्मचारी राजवीर की हत्या के बाद सभी कर्मियों ने चक्का जाम किया है. राजवीर के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए रोडवेज के सांझा मोर्चा ने बुधवार को बसें ना चलाने की घोषण की. वहीं, अब रोडवेज का चक्का जाम यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गया.
झज्जर डिपो से हर रोज चंडीगढ़, गुरुग्राम, दिल्ली और फरीदाबाद सहित पांच रूटों के लिए बसें चलाई जाती है. इन बसों में सैंकड़ों यात्री सवार होकर अपने गंतव्य के लिए सफर करते हैं, लेकिन बुधवार की सुबह जब वह बस स्टैंड पर पहुंचे तो उन्हें रोडवेज चक्का जाम की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
काफी देर इंतजार करने के बाद यात्रियों को या तो मायूस होकर अपने घर वापस लौटना पड़ा या फिर प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ा. इनमें अधिकांश कर्मचारी व छात्रों के अलावा वह लोग भी शामिल थे, जिन्हें भैया दूज पर या तो अपनी बहन के घर जाना था या फिर किसी बहन को अपने भैया के यहां भैया दूज पर जाना था. लेकिन सभी को मायूसी हाथ लगी.
हरियाणा रोडवेज यूनियन के स्टेट वाइस प्रेसिडेंट प्रवीन अहलावत का कहना था कि उनकी मंशा किसी भी यात्री को परेशान करने की नहीं है वह तो केवल अपने मृतक साथी कर्मचारी के परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और इसीलिए उन्होंने रोडवेज का चक्का जाम किया है. उन्होंने कहा कि इसकी सूचना उन्होंने पहले ही सोशल मीडिया पर डाल दी थी.
रोडवेज कर्मचारियों का कहना था कि पिछले पांच रोज से उनके मृतक साथी का परिवार न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है, लेकिन सरकार और प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही. यही वजह है कि उन्हें चक्का जाम करना पड़ा. उन्होंने चेतावनी भी दी कि जब तक उनके मृतक साथी कर्मचारी के परिवार को न्याय नहीं मिल जाता तब तक वह चक्का जाम के फैसले को वापस नहीं लेंगे. रोडवेज के चक्का जाम के दौरान झज्जर रोडवेज बस स्टैंड पर पुलिस भी काफी मुस्तैद दिखाई दी. आम नागरिक को परेशानी ना हो इसलिए वह हर पल की निगरानी कर रही थी.