हिमाचल: देवदर्शन करने के लिए सुक्खू सरकार ने लगाया शुल्क, 10 गारंटियों को पूरा करने के लिए बनाया साधन: बिक्रम ठाकुर

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Himachal: Sukhu government imposed fee for Devdarshan, made means to fulfill 10 guarantees: Bikram Thakur
पूर्व परिवहन मंत्री, बिक्रम ठाकुर 

न्यूज अपडेट्स 
शिमला, 9 अगस्त : देवभूमि हिमाचल में मंदिरों में दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे, जो देव आस्था व भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। पूर्व मंत्री विक्रम ठाकुर ने सरकार के इस निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा की है और सरकार से तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।

उन्होंने सुक्खू सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 97%हिन्दू आबादी वाली विचारधारा को हरा कर सरकार बनाने का नारा देने वाले मुख्यमंत्री जो व्यवस्था परिवर्तन कि बात हर मंच से करते हैं, उनसे मेरा प्रश्न है कि ये कौन सा व्यवस्था परिवर्तन है? जहाँ लोगों को मंदिर के दर्शन करने के लिए भी शुल्क चुकाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि  भाजपा ने वीआईपी कल्चर को  खत्म किया है, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार मंदिरों में भी वीआईपी कल्चर को बढ़ावा दे रही है। 

उन्होंने कहा कि सरकार अपने 10 गारंटियों को पूरा करने के लिए मंदिर शुल्क के माध्यम से पैसा एकत्रित करने का प्रयास प्रदेश सरकार द्वारा हो रहा है। उन्होंने सरकार को चेताया कि यदि अपनी सरकार चलाने व सीपीएस का खर्चा जुटाने के लिए इस तरह के तुगलकी फरमान सरकार द्वारा जारी किए जा रहे हैं तो उन्हें मेरा सुझाव है कि अन्य कोई साधन खोजे। देवभूमि में लोगों की आस्थाओं के साथ न खेलें। देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए ऐसी व्यवस्था किसी दूसरे धर्मस्थल पर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार जरा दूसरे धर्मस्थलों पर भी इस तरह के शुल्क लगा कर बताए।

उन्होंने कहा कि मंदिर दर्शन के लिए जिस फार्मूला को प्रदेश सरकार ने बनाया है जिसके अनुसार 500 लोगों को पास दिए जाएंगे व अन्य वीआईपी लोगों के लिए यह दर्शन मुफ्त रहेगा। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू बताए कि ये वीआईपी की कैटेगरी में कौन आता है? वो स्थानीय जनता जो वहां के ही है वो किस प्रकार दर्शन का लाभ ले पाएंगे जबकि 2500 लोगों के साथ साथ तथाकथित गणमान्य प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सुविधा से दर्शन कर रहे होंगे। क्या वो मात्र वहां लाइनों में खड़े होने जायेंगे जबकि जिनसे शुल्क लिया गया है वो प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कर सकेंगे।

बिक्रम ठाकुर ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश सरकार इस तरह के निर्णय लेकर आपदा में अवसर ढूंढ़ रही है। मुख्यमंत्री जी लोगों को राहत देने के बजाय प्रतिदिन इस बात पर विचार करते नजर आते हैं कि प्रदेश कि गरीब जनता की जेब से पैसा निकालने के लिए कौन सा नया क़ानून बनाया जाए। लोगों की आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने वाली सरकार को हिमाचल की जनता जल्द ही आईना दिखाएगी।

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