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बिलासपुर, 18 जुलाई : घुमारवीं विधायक राजेश धर्माणी ने प्रदेश सरकार शिमला क्लीनवेज कंपनी द्वारा आउटसोर्स कर्मियों के साथ किए जा रहे शोषण की निष्पक्ष जांच करेगी। सीएम से वह खुद इस विषय पर बात करेंगे।
उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक रवैया न अपनाते हुए उत्पीड़न की नीति अपनाई जा रही है, इससे कर्मचारियों रोष है। इस परेशानी के कारण कर्मचारियों को मानसिक,शारीरिक और आर्थिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में आउटसोर्स कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल विधायक से मिला और शिमला क्लीनवेज कंपनी द्वारा किए जा रहे शोषण के प्रति जानकारी दी और जांच की मांग की।
विधायक ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि इस संबंध में सरकार के ध्यान में लाकर गहन जांच की जाएगी, जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। कहा कि प्रदेश के सभी वर्गों के अधिकारों के संरक्षण और सुरक्षा के प्रति प्रदेश सरकार संवेदनशील है। इसके लिए किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार शिमला क्लीनवेज कंपनी की गड़बड़ियों की जांच करेगी। क्लीनवेज कंपनी को पिछली सरकार के समय में 40 करोड़ रुपये दिए गए। उन्होंने कहा कि इस कंपनी के माध्यम से जो गड़बड़ी हुई उस पर पूरी कार्रवाई होगी। कितने कर्मचारियों का पीएफ काटा गया, कंपनी ने एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज की तरह काम किया है इस सबकी जांच होगी।
विधायक बोले कि भाजपा को कर्मचारियों की इतनी चिंता थी तो आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी क्यों नहीं बनाई। जब सरकार के जाने का समय हो गया, तो सिर्फ एक कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई। वर्तमान सरकार ने किसी आउटसोर्स कर्मचारी को निकालने के आर्डर नहीं दिए हैं।