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नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री, नहीं लगे है कोई जज, विपक्ष को भ्रष्टाचारी कहने पर बंबर ठाकुर ने जताई आपत्ति

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Narendra Modi is the Prime Minister of the country, no judge has been appointed, Bamber Thakur objected to calling the opposition corrupt
पूर्व विधायक बंबर ठाकुर 

न्यूज अपडेट्स 
बिलासपुर ,20 जुलाई: कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव एवं पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने दिल्ली में भाजपा गठबंधन की बैठक में उपस्थित नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्ष के “ इंडिया “ गठबंधन को “ कट्टर भ्रष्टाचारियों का सम्मेलन “ कहने पर कड़ी आपति उठाई है | उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री जैसे सर्वोच्च पद पर विराजमान किसी भी नेता को इस प्रकार की दुर्भावना कम से कम सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं करनी चाहिए |

बंबर ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के इस सम्मेलन में 26 दलों के नेता और कितने ही मुख्यमंत्री व उन पार्टियों के वरिष्ठतम नेता उपस्थित थे | उन सभी को एक ही कूची से रंग देना दाईत्वपूर्ण व्यवहार की श्रेणी में नहीं आ सकता। उन्होने कहा कि यह सही है कि मोदी सरकार की कृपा से ही एक सुनियोजित अभियान के नीचे विरोध पक्ष के कुछ नेता इस समय विभिन्न मामलों में न्यायालयों का सामना कर रहे हैं | किन्तु कहीं भी किसी भी न्यायालय में उपस्थित किसी भी नेता को कथित भ्रष्टाचार के लिए दंडित नहीं किया है | इसलिए स्वयं ही आरोप लगाना और स्वयं ही जज बन कर कथित भ्रष्टाचारी घोषित करना एक दम अनुचित, अव्यावाहरिक व राजनैतिक शालीनता के विरुद्ध है | क्यों कि प्रधानमंत्री होते हुए भी वह जज नहीं है और उन्हें इस प्रकार का आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है |

बंबर ठाकुर ने कहा कि यदि मोदी को सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष एक मंच पर आया है तो लोकतन्त्र की भावना के अनुरूप सत्ताधरी दल को इस पर मानसिक संतुलन बनाए रखना चाहिए और व्यर्थ के आरोप लगा कर राजनीति को दूषित नहीं करना चाहिए |

बंबर ठाकुर ने कहा कि वैसे भी भाजपा इस पाखंड के नीचे राजनीति कर रही है कि जो भी भ्रष्टाचारी नेता उनकी पार्टी भाजपा में शामिल होता है उसे गंगाजल की तरह पवित्र मान लिया जाता है और भ्रष्टाचार से मुक्त घोषित कर दिया जाता है | उन्होने कहा कि सत्ताधारीं को सत्ता की कुर्सी से नीचे उतार देना और विपक्ष के नेता को जनता द्वारा सत्ता की कुर्सी पर बैठा देना लोकतंत्रीय  व संवैधानिक प्रक्रिया है | जिसे न केवल विपक्ष को बल्कि सताधारी नेताओं को भी ऐसी परिस्थितियों में मानसिक संतुलन न खोकर राजनैतिक सुचिता व शालीनता बनाए रखनी चाहिए |

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