HRTC: शिकायतों के बाद भी ढाबे क्यों नहीं किए जाते ब्लैकलिस्ट, क्या ढाबा संचालकों के पीछे है राजनीतिक शक्ति

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शिमला, 19 जून - एक बार फिर सोशल मीडिया पर एचआरटीसी के द्वारा अधिकृत ढाबे वायरल हो रहे है। जिसमें यात्री एचआरटीसी प्रबंधन (HRTC Management) से क्या कहना चाहते है यह साफतौर पर नजर आ रहा है। यह मामला पंजाब के भरतगढ़ से सामने आया है। जहां पर एचआरटीसी के विभिन्न डिपुओं की बसें नसीब ढाबे (Naseeb Dhaba) पर रुकती है। 

आपको बता दें यात्रियों ने सरकारी सिस्टम (Government System) पर सवाल उठाया है और कहा सरकारी सिस्टम में यह सब देखने को मिलेगा सोचा नहीं था.... एचआरटीसी प्रबंधन इतने घटिया ढाबों पर बसों को रोकते है जहां खाने की गुणवत्ता जीरो होती है और दाम हमेशा ज्यादा होता है। 

यात्री मजबूर होता है और खाना उसे वहीं खाना पड़ता है जहां बस रुकती है। भूख लगी होती है और यात्री को मजबूरन खाना - खाना पड़ता है। यात्रियों ने सरकार से पूछा है कि यह घूस का पैसा सरकार की तिजोरी में जाता है या परिवहन मंत्री के खाते में यह पैसा जाता है। 

आपको बता दें कि भरतगढ़ में स्थित नसीब ढाबे की शिकायतें पहले भी प्रबंधन के पास पहुंची है पर HRTC प्रबंधन ढाबे को ब्लैकलिस्ट करने में नाकामयाब साबित हुआ है। आखिर क्यों सरकारी सिस्टम सवालों के घेरे में है क्यों एचआरटीसी प्रबंधन ढाबा संचालकों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करता है। क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक शक्ति है जो इन ढाबा संचालकों को संरक्षण देती है जिससे लगातार यह ढाबा संचालक यात्रियों से लूट जारी रखते है।

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