हमारे देश में आए दिन लड़कियों और महिलाओं के साथ दुराचार के ढेरों मामले रिपोर्ट किए जाते हैं। मगर ये सभी मामले शायद सच नहीं होते, तभी तो हिमाचल प्रदेश स्थित मंडी जिला निवासी एक युवक को कोर्ट ने रेप के आरोप के साथ साथ पूरी 8 धाराओं के तहत लगाए गए सभी आरोपों से बाइज्जत बरी कर दिया है।
खुद पीड़ित बन गया आरोपी कहा जा रहा युवक
उक्त युवक पर कॉलेज की छात्र के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। मगर अब अतिरिक्त सत्र न्यायधीश-एक के न्यायलय ने युवक को अभियोग साबित न होने पर सभी मामलों से बरी करने का निर्णय लिया है। ऐसे में अब तक आरोपी बताया जा रहा युवक खुद ही पीड़ित की श्रेणी में खड़ा हो गया है।
साल 2019 में केस कर लगाया था ये आरोप
इसी युवक का मुकेश कुमार है, जो कि निहरी तहसील का रहने वाला है। मुकेश पर एक कॉलेज छात्रा द्वारा 13 नवंबर 2019 को इस बात का आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने उसके घर में घुसकर जबरन उसकी इज्जत लूटी थी। लड़की ने आपनी मां के साथ थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया था। पीड़िता ने यहां तक झूठ बोल दिया था कि मुकेश ने उसकी तस्वीरें खींचकर उसके रिश्तेदारों को भी भेज दी थी।
वकील ने दी ये दलील
इसके बाद मुकेश को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था और उसके खिलाफ केस चलाया गया। कोर्ट में लड़के की तरफ से दलील देते हुए उसके वकील ने कहा कि लड़के और लड़की के बीच प्रेम संबंध था। वहीं, रिश्तेदार तक फोटो पहुंचने की वजह से पीड़िता ने अपने घर वालों से विचार विमर्श के बाद आरोपी पर गल्त तथ्यों के आधार पर यह केस दर्ज कराया।
कोर्ट ने ये फैसला सुनाया
अब इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने बताया है कि आरोपी के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल से इस बात का पता चला है कि लड़की और उसके बीच काफी लंबे वक्त से बातचीत होती थी। उन दोनों ने ही एक दूसरे को ढेरों कॉल कर रखे थे और वे दोनों लम्बे वक्त से एक दूसरे के संपर्क में थे।
इसके अलावा लड़की की फोटो वाले आरोप भी कोर्ट में साबित नहीं हो सके हैं। वहीं, मेडिकल में भी रेप की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में पीड़िता से दुराचार करने का आरोप संदेह की छाया से दोष साबित नहीं कर सका, जिसके चलते अदालत ने आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया।