नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू लोकप्रिय नहीं, बल्कि लॉक प्रिय नेता हैं। अपने तीन माह के कार्यकाल में उन्होंने इतने संस्थानों पर ताले लगाए हैं कि अब उनकी पहचान ताला लगाने वाले मुख्यमंत्री के रूप में होगी। जयराम संगठनात्मक जिला कांगड़ा की ओर से आयोजित जन आक्रोश रैली के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालते ही 613 संस्थानों को डिनोटिफाई कर दिया।
सरकार का तीन माह का कार्यकाल पूरा होने की खुशी में प्रदेश में चल रहे 19 कॉलेजों को बंद करने की अधिसूचना जारी कर दी गई। यह आक्रोश रैली कोतवाली बाजार स्थित सामुदायिक भवन से फव्वारा चौक तक निकाली गई। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता सोचती थी कि कांग्रेस सरकार भी भाजपा जैसी होगी, लेकिन अब जनता ही कह रही है कि यह सरकार भाजपा जैसी नहीं है।
प्रदेश का मुख्यमंत्री जब किसी संस्थान को खोलने की घोषणा करता है तो उसके लिए संबंधित विभाग को बजट तैयार करना होता है। अब मुख्यमंत्री ने सुजानपुर में कॉलेज खोलने की घोषणा की है तो क्या वह उसके लिए पहले बजट का प्रावधान कर चुके हैं। उन्होंने पालमपुर में पुन: शुरू किए गए बीडीओ कार्यालय पर तंज कसते हुए कहा, जब इसे खोलना ही था तो बंद क्यों किया।
कहा कि कर्मचारी वर्ग ओपीएस की आस में है, जबकि कांग्रेस सरकार की चार कैबिनेट में ओपीएस का एजेंडा चल ही रहा है। कर्मचारी पूर्व की भांति ओपीएस चाहते हैं और सरकार कहती है कि प्रदेश के मॉडल पर ओपीएस दी जाएगी। जयराम ने कहा कि जनता में किसी भी सरकार के प्रति तीन साल में इतना आक्रोश नहीं होता, जितना वर्तमान सरकार के मात्र तीन माह के समय में देखा जा रहा है।
जनता तीन माह के शासनकाल में ही सड़कों पर उतर आई है। प्रदेश में बंद किए गए संस्थानों को बहाल नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र होगा। संस्थानों की बहाली की लड़ाई विधानसभा के भीतर व बाहर लड़ी जाएगी और कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी तो हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।