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Himachal News: क्या आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बनेगी नीति ? सीएम सुखविंदर ने दिया यह जवाब

News Updates Network
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शिमला, 28 मार्च - हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सरकार नियमित करने की कोई नीति बनाने नही जा रही है। विधानसभा में प्रशनकाल के दौरान ये मामला सामने आया।

प्रदेश में 2021-22 के आंकड़ो के मुताबिक सरकारी विभागों व उपकर्मो में लगभग 19,916 कर्मी आउटसोर्स आधार पर तैनात है. हिमाचल वित्तीय नियम 2009 के अंतर्गत सरकारी विभागों में आउटसोर्स के माध्यम से सेवाएं लेने का प्रावधान है।

यह जबाब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़सर के कांग्रेसी विधायक इंद्र दत्त लखनपाल के सवाल में विधान सभा में दिया गया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने बजट में इनका 750 रुपये बढ़ाया है. ESI व यात्रा भत्ते का प्रावधान करने पर भी सरकार विचार कर रही है।

विधायक इंद्रदत्त लखनपाल (बड़सर)  

आऊटसोर्स कर्मचारियों का मामला काफी वर्षों से इस माननीय सदन में उठता रहा है। आज मैं मुख्य मंत्री जी से जानना चाहता हूं कि भविष्य में इन कर्मचारियों का शोषण न हो तो क्या सरकार इनके भविष्य के प्रति चिंतित हो कर इनके लिए कोई स्पष्ट नीति का निर्माण करेगी? सरकार ने जवाब में आऊटसोर्स कर्मचारियों का आंकड़ा 19.916 दिया है। लेकिन इसमें एस.एम.सी. कम्प्यूटर टीचर, पीरियड बेस्ड टीचर और इस प्रकार के अन्यों को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 35 से 40 हज़ार बन जाएगी। अध्यक्ष महोदय, हिमाचल प्रदेश के 35-40 हज़ार लोग अपने भविष्य के प्रति चिंतित हैं। इन्हें मालूम ही नहीं है कि 10-15 साल बाद इनका भविष्य क्या होगा? क्या इनके लिए सरकार कोई ठोस नीति बनाने का विचार रखती है?

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू

माननीय सदस्य ने बहुत ही गम्भीर विषय रखा है। काफी समय से आऊटसोर्स पर लगे कर्मचारियों के लिए मांग उठाई जा रही है। इसमें कई कर्मचारी तो ऐसे हैं जो पोस्ट ग्रेज्युएट हैं और 8-10 साल से लगे हुए हैं। इनके अलावा ठेकेदारों के माध्यम से भी अनेक कर्मचारी विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं। पिछली सरकार ने भी इनकी बेहतरी के लिए प्रयास किए। अंतिम समय में किए गए प्रयास में पिछली सरकार ने कहा था कि इन्हें निकाला न जाए। लेकिन पिछली सरकार इनके लिए कोई ठोस नीति नहीं बना पाई। इसकी नीति बनाने में क्या-क्या अड़चनें हैं उस पर हमारी सरकार विचार कर रही है। मेरा मानना है कि हिमाचल प्रदेश के युवाओं का एक बहुत बड़ा वर्ग आऊटसोर्स पर लगा हुआ है। 

इसलिए हमारी सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में प्रावधान किया कि और जब तक इनके लिए कोई नीति नहीं बन जाती. इनके मानदेय में 750 रुपये की बढ़ोतरी की जाए। हमारी सरकार को अभी केवल 100 दिन ही हुए हैं और इनके बेहतर भविष्य के लिए हम विचार कर रहे हैं। आने वाले समय में विस्तृत विचार करने के बाद हमारी सरकार आगे बढ़ेगी।

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