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Himachal News: एचआरटीसी बसों में लगे स्टीकर हटाने के निर्देश - जानिए क्या बोले प्रबंधक निर्देशक

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शिमला, 24 मार्च - एचआरटीसी बसों के शीशों पर लगे स्टीकर और बसों के आगे लटके हुए परांदे बस चालकों को हटाने होंगे। बसों के शीशों पर स्टीकर लगाने व अन्य रंग-बिरंगी टेपिंग को लेकर निगम प्रबंधन सख्त हो गया है। एमडी एचआरटीसी ने चालकों को निर्देश जारी किए हैं कि तुरंत प्रभाव से बसों में शीशों पर लगे स्टीकरों को हटाया जाए। यदि बसों से यह स्टीकर नहीं हटाए जाते हैं तो इसके लिए निगम प्रबंधन चालकों से जवाब भी तलब कर सकता है। 

जानकारी के अनुसार निगम प्रबंधन के सामने आए कि निगम प्रदेश के भीतर व बाहरी राज्यों में जाने वाली बसें कुछ बस डिपो की बसों के शीशों पर जरूरत से अधिक स्टीकर लगे हुए हैं। वहीं बसों के टायरों के साथ आगे व पीछे परांदे लटके हुए हैं, जिससे एचआरटीसी बसों का रंगरूप ही बदल गया है। वहीं प्राइवेट बसों व सरकारी एचआरटीसी बसों को अंतर खत्म हो चुका है। ऐसे में एमडी ने सख्ती से एक्शन लेते हुए एचआरटीसी बसों के फ्रंट शीशों में जरूरत से अधिक लगी टेपिंग को तुरंत प्रभाव करने के निर्देश जारी किए हैं जिससे एचआरटीसी की पहचान बरकरार रहे।

बसों में टेपिंग करना मोटर वाहन अधिनियम की भी उल्लंघना 

निगम अधिकारियों के अनुसार बसों में टेपिंग करना मोटर वाहन अधिनियम की भी सरेआम उल्लंघना है। बस में किसी भी प्रकार का स्टीकर व टेपिंग नहीं की जा सकती है। नियमों के अनुसार बसों की डैशबोर्ड पर भी किसी तरह की छेड़खानी नहीं कर सकते हैं। यही नहीं, यदि बसों में किसी तरह की छेड़खानी होती है तो नियमों के अनुसार इसमें चालान का भी प्रावधान है। हिमाचल सहित चंडीगढ़ व दिल्ली में कई बसों के चालान भी हो चुके हैं। 

निगम के आदेशों के बाद कई चालकों ने उतारी टेपिंग 

निगम प्रबंधन के आदेशों के बाद वीरवार को प्रदेश में कई डिपुओं पर चालकों ने बसों की फ्रंट शीशे पर लगे स्टीकरों को हटाया है। वहीं अन्य चालक-परिचालक भी इन्हें हटा रहे हैं। वहीं इसकी रिपोर्ट भी संबंधित आरएम तक पहुंचा रहे हैं। उधर, परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्राइवेट बसों पर यह नियम लागू होता है प्राइवेट बस चालक-परिचालक भी बसों के फ्रंट शीशों पर टेपिंग नहीं कर सकते हैं।

क्या बोले एचआरटीसी प्रबंधक निर्देशक 

एचआरटीसी के एमडी संदीप कुमार बसों में चालकों ने शीशों व आसपास की जगह पर स्टीकर व टेपिंग की हुई थी। यह नियमों के खिलाफ है। वहीं इससे एचआरटीसी बसों की पहचान भी नहीं हो रही है, ऐसे में तुरंत प्रभाव से चालकों को स्टीकर हटाने के निर्देश जारी किए हैं।

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