हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के चालकों और परिचालकों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने निगम को आदेश दिए हैं कि वह चालकों और परिचालकों को प्रतिपूरक छुट्टी के बदले वित्तीय लाभ अदा करे। अदालत ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि 18 सितंबर 2022 तक लंबित प्रतिपूरक छुट्टी के बदले वित्तीय लाभ अदा किया जाए।
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने चालकों और परिचालकों की याचिकाओं का निपटारा करते हुए ये आदेश दिए। निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि रतन लाल के मामले में पारित निर्णय की अनुपालना में निगम की ओर से प्रतिपूरक छुट्टी के बदले वित्तीय लाभ दिया जाएगा।
निगम ने मोटर ट्रांसपोर्ट अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत इन वित्तीय लाभों को देने का निर्णय ले लिया है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें प्रतिपूरक छुट्टियों के बदले वित्तीय लाभ नहीं दिया जा रहा है। परिवहन निगम में चालकों और परिचालकों की कमी के कारण उन्हें दिन में 8 घंटे से अधिक कार्य करना पड़ता है। सप्ताह के हर 6 दिन के बाद भी बिना साप्ताहिक अवकाश के काम करना पड़ता है।
इसके बदले उनकी जो प्रतिपूरक छुट्टी जमा होती है, उसे निगम रद्द कर देता है। जबकि निगम की ओर से 17 फरवरी 2019 को प्रतिपूरक छुट्टी को जमा करने का निर्णय लिया है। निगम के बयान पर अदालत ने सभी याचिकाओं का निपटारा करते हुए प्रतिपूरक छुट्टी के बदले वित्तीय लाभ अदा करने के आदेश दिए हैं।