Himachal News: निगम और बोर्ड होंगे युवाओं के हवाले - 50 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को प्राथमिकता

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रायपुर महाधिवेशन के बाद कांग्रेसी कुनबे में अब हलचल बढ़ गई है। संगठन में उन फैसलों पर मंथन चल रहा है, जिन्हें भविष्य में लागू किया जाना है। प्रदेश में कांग्रेस ने करीब तीन महीने पूर्व सत्ता संभाली है और इसके बाद अब बोर्ड और निगम में अध्यक्ष पद की ताजपोशी होनी है। पूर्व में यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मुख्यमंत्री के खासमखास ही इन पदों पर पहुंच पाएंगे, लेकिन रायपुर महाधिवेशन के बाद जो नियम तय किए गए हैं, उनमें बड़ा अवसर युवा कांग्रेस के नेताओं को मिल रहा है। 

कांग्रेस के संगठन में तमाम नियुक्तियां अब पचास साल से कम उम्र के नेताओं की होंगी। इसका सीधा असर बोर्ड और निगम की नियुक्तियों पर भी पड़ेगा। ऐसे युवा नेता, जिन्होंने आलाकमान के इशारे पर अपनी सीट छोड़ दी थीं, उन्हें पार्टी अब अवसर दे सकती है। इससे पूर्व हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने भी उन नेताओं के लिए सहानुभूतिपूर्वक कदम उठाने की बात कही थी, जिन्होंने आपसी तकरार के बावजूद चुनाव न लड़ने का फैसला किया। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर यह कदम उठाया है। 

इस फैसले का दूसरा बड़ा असर पार्टी में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समेत अल्पसंख्यक समुदाय पर भी देखने को मिलेगा। प्रदेश में 20 विस क्षेत्र आरक्षित हैं और इनमें 17 अनुसूचित जाति के लिए, जबकि तीन अनुसूचित जनजाति के लिए हैं। इनमें से 12 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार के चुनाव में आरक्षित सीटों पर संतोषजनक रहा है। 

आगामी लोस चुनाव में इसे भुनाने के लिए अब पार्टी इन सीटों से चुनाव जीत कर आए विधायकों या फिर विधानसभा के कद्दावर नेता को बड़ा अवसर दे सकती है। अब बारी अनुसूचित जाति वर्ग, महिलाओं और 50 साल से कम उम्र की आयु की है। सरकार में इन्हें अब बड़ा अवसर दिया जा सकता है।

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