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Anil Sharma |
न्यूज अपडेट/बिलासपुर, 10 मार्च - राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में उपमण्ड़लीय विधिक सेवांए समिति बिलासपुर द्वारा अतंराष्ट्रीय महिला सप्ताह के उपल्क्ष में ग्राम पंचायत बामटा के बार्ड न० 8 खैरियां लुहणू में महिलाओं से सबंधित कानूनों व उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उदेश्य से एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया । शिविर की अध्यक्षता मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एंव अध्यक्ष उपमण्डलीय विधिक सेवा समिति अनिल शर्मा ने की । इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एंव सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण विक्रांत कौण्ड़ल विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी अनिल शर्मा ने कहा कि महिलांए और बच्चे हमारे समाज का अभिन्न अंग है । समाज में महिलाओं की सख्या लगभग 50 प्रतिशत है और इनकी सुरक्षा के लिए संविधान के तहत विशेष कानून बनाए गए हैं और इन कानूनों की सभी महिलाओं को पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है तभी वे इनका जरूरत होने पर लाभ उठा सकती हैं। उन्होने कहा कि किसी भी अदालत में महिलाओं को न्याय प्राप्त करने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करवाता है जिसका उन्हे आवश्यक्ता होने पर प्रयोग करना चाहिए।
उन्होने बताया कि चाहे महिला के खिलाफ किसी ने केस किया हो या महिला ने किसी के खिलाफ केस करना हो दोनो ही स्थिति में महिलांए प्राधिकरण के माध्यम से निशुल्क कानूनी सहायता के लिए पात्र हैं। उन्होने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिलाओं, बच्चों, ट्रांसजेंड़र, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, औद्यौगिक कामगार, प्राकृतिक आपदाओं से शिकार व्यक्ति, पुलिस हिरासत में लिए गए व्यक्ति और ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसकी सालाना आय 3 लाख रूपये से कम हो वह प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाने बाली निशुल्क कानूनी सहायता के लिए प्रात्र है तथा इसके लिए वह सादे कागज पर आवेदन कर सकता है।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिक्रांत कौण्ड़ल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक न्यायलय में प्राधिकरण द्वारा फ्रंट आफिस स्थापित किए गए हैं जहां कोई भी नागरिक न्यायलय से संबधित किसी भी कार्य व प्रक्रिया के बारे में निशुल्क जानकारी, परामर्श व सहायता हेतु सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होने विधिक सेवा प्राधीकरण के गठन, उदेश्य व सबके लिए एक सम्मान न्याय की उपलब्धता की व्यवस्था के बारे विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर अधिवक्ता मीनाक्षी चंदेल ने उपस्थित महिलाओं को विवाह रजिस्ट्रीकरण, महिलाओं का परिवारिक संम्पति में अधिकार, तलाक लेने की वजहों व प्रक्रिया, घरेलू हिंसा, आर्थिक हिंसा, पोक्सों एक्ट तथा अधिवक्ता निशा सिंह ने महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन से बचाव, मातृत्व अवकाश, समान कार्य समान वेतन सहित महिलाओं से संबधित अनेक कानूनों की जानकारी प्रदान की।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिक्रांत कौण्ड़ल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक न्यायलय में प्राधिकरण द्वारा फ्रंट आफिस स्थापित किए गए हैं जहां कोई भी नागरिक न्यायलय से संबधित किसी भी कार्य व प्रक्रिया के बारे में निशुल्क जानकारी, परामर्श व सहायता हेतु सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होने विधिक सेवा प्राधीकरण के गठन, उदेश्य व सबके लिए एक सम्मान न्याय की उपलब्धता की व्यवस्था के बारे विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर अधिवक्ता मीनाक्षी चंदेल ने उपस्थित महिलाओं को विवाह रजिस्ट्रीकरण, महिलाओं का परिवारिक संम्पति में अधिकार, तलाक लेने की वजहों व प्रक्रिया, घरेलू हिंसा, आर्थिक हिंसा, पोक्सों एक्ट तथा अधिवक्ता निशा सिंह ने महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन से बचाव, मातृत्व अवकाश, समान कार्य समान वेतन सहित महिलाओं से संबधित अनेक कानूनों की जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर तहसील कल्याण अधिकारी सदर बनीता कुमारी ने समाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग द्वारा महिलाओं के कल्याणार्थ चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की । स्वास्थ्य विभाग से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी शीतल ने महिलाओं को स्वास्थ्य से संबधित अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। इस अवसर पर बीडीसी सदस्या सुमन गर्ग, पूर्व पंचायत प्रधान सीमा देवी, वार्ड सदस्य रतन लाल सहित महिलाएं उपस्थित रही।