बिलासपुर, 12 फरवरी - हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की वरिष्ठ प्रवक्ता संदीप सांख्यान (Sandeep Sankhyan) ने भाजपा के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) की जनता ने कांग्रेस(Congress) को बहुतमत देकर सरकार चलाने के लिए पांच वर्ष का समय दिया है, अगर भाजपा के शासन इतना ही अच्छा होता तो भाजपा की सरकार प्रदेश में दोबारा बनती, लेकिन नहीं बन आई। वर्तमान कांग्रेस की सरकार को बने हुए अभी दो माह का समय हुआ है और दो माह के भीतर प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिह ठाकुर "सुक्खु" ने जो फैसले लिए है वह जनहित में है।
प्रदेश 75 हज़ार करोड़ के बोझ तले छोड़ भाजपा की पूर्व सरकार को हिमाचल प्रदेश की जनता ने उनकी नीतियों पर अविश्वास जताया है जबकि वर्तमान कांग्रेस की सरकार ने ओ. पी. एस. की बहाली, सुखाश्रय कोष की स्थापना, अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में आने वाली भूमि खरीद पर रोक, सभी जिला मुख्यालयों पर हेलीपैड की व्यवस्था, सरकारी रेस्ट-गेस्ट हाउसों में बराबर किराया वसूलने और वर्ष 2025 तक प्रदेश को हरित राज्य बनाने जैसे लक्ष्य तय करना भाजपा के नेताओं को रास नहीं आ रहा है, लेकिन इसके विपरीत प्रदेश की जनता प्रदेश सरकार के इन फैसलो को सराहा रही है।
भाजपा के नेताओं को समझना चाहिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार बनने के बाद विपक्ष को सकारात्मक भूमिका में आकर दायित्व निभाना चाहिए न कि दो माह के भीतर सरकार के प्रति नकारत्मक रवैया रखना चाहिए। हिमाचल प्रदेश में विकास की आपार सम्भावनाएं है और प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री अपनी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए वचनबद्ध है और इन योजनाओं पर क्रियान्वयन शुरू हो चुका है। प्रदेश सरकार का जनहित के एजेंडे पर प्रथम दिन से काम शुरू हो चुका है और उनको अमलीजामा पहनाना भी शुरू किया जा चुका है, ऐसे प्रदेश भाजपा के नेताओं को थोड़ा सब्र तो करना ही चाहिए।
भाजपा को समझना चाहिए कि कांग्रेस के दस गारंटी कार्यक्रम को प्रदेश सरकार ने अपनी वचनबद्धता के साथ लिया है और उसके परिणाम भी सकारात्मक होंगे। पुर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार जी अपने काल खंड की बात तो कर रहें हैं लेकिन शायद उन्होंने तत्कालीन समय की जनसंख्या और प्रदेश के तत्कालीन कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन भत्तों का ठीक से आकलन नहीं किया होगा।
ऐसे में प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने में माननीय मुख्यमंत्री जी और प्रदेश सरकार को थोड़ा समय तो लगेगा ही और जो फैसले पिछले दो महीनों के दौरान प्रदेश सरकार ने लिए है उनका सीधा सरोकार जनहित से है, न कि किसी विशेष विचारधारा के लोंगो को लाभान्वित करना है, जैसा कि भाजपा के शासन में होता आया है, तो ऐसे में भाजपा के लोंगो फ़िलहाल संयम रखना चाहिए और प्रदेश भाजपा के नेताओं को विकास कार्यो में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए न कि जनता को बरगलाने का काम करना चाहिए।