शिमला, 19 जनवरी - शिमला के पुराना बस स्टैंड में निजी बस के परिचालक से कथित मारपीट के आरोपियों को जिला अदालत ने बरी किया है। न्यायिक दंडाधिकारी शिमला ने पुलिस के अभियोग को खारिज कर दिया।
अभियोजन पक्ष ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालक और परिचालक के खिलाफ अभियोग दायर किया था। निजी बस के परिचालक ने 29 मार्च 2018 को पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज की थी। आरोप लगाया गया था कि बस की समयसारिणी को लेकर सुभाष चंद और यशपाल शर्मा ने उसके साथ मारपीट की।
पुलिस ने मामले की जांच पूरी होने पर न्यायिक दंडाधिकारी शिमला की अदालत में अभियोग चलाया अभियोग साबित करने के लिए पुलिस ने 11 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। मामले से जुड़े रिकॉर्ड और गवाहों के बयानों का अवलोकन पर अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए गवाहों के बयान विरोधाभासी हैं।
एक गवाह ने अदालत में बयान दिया कि उसने पुलिस थाना सदर में अपना बयान दर्ज करवाया जबकि पुलिस ने बयान दिया कि उसका बयान मौके पर दर्ज किया गया था। इसी तरह घटना के समय को भी विरोधाभासी बयानों से अदालत को बताया गया। अदालत ने अभियोग को खारिज करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित करने में नाकाम रहा है।