किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर 1 मई से वाहन दौड़ने लगेंगे। साल 2013 में शुरू हुए 77 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण कार्य 11 साल बाद अब जाकर पूरा होने जा रहा है। इस फोरलेन के बनने से 37 किलोमीटर की दूरी घटेगी। पहले किरतपुर-फोरलेन की दूरी 114 किलोमीटर थी। परियोजना निदेशक वरुण चारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मई के पहले सप्ताह फोरलेन जनता को समर्पित करेगा। इस सफर को तय करने के लिए अब दो घंटे की बचत होगी। शुरू में इस फोरलेन का काम जिस कंपनी को सौंपा गया था, वह इसे अधूरा छोड़ गई थी।
वर्ष 2020 में गाबर कंस्ट्रक्शन कंपनी को इसके दूसरे चरण का काम सौंपा गया। जून 2020 में पर्यावरण मंत्रालय ने अनियमितताओं को लेकर कार्य बंद करवा दिया, लेकिन केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से इसे जल्द शुरू किया गया। बड़ी बात यह होगी कि स्वारघाट से बिलासपुर तक चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर घुमावदार सड़क पर लगने वाले जाम से चालकों को निजात मिलेगी।
मंडी भराड़ी और जकात खाना में रेल लाइन पर बनेंगे रोड ओवर ब्रिज
भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन दो जगह मंडी भराड़ी और जकात खाना में इस फोरलेन को क्रॉस करेगी। इसके समाधान के लिए प्राधिकरण एक-एक किमी लंबे रोड ओवर ब्रिज बनाएगा।
यहां से इतनी रहेगी दूरी
किरतपुर से कैंची मोड़ की दूरी अभी 22 किलोमीटर है, फोरलेन बनने से यह दूरी 12 किलोमीटर रहेगी। कैंची मोड़ से भवाणा की दूरी वर्तमान में 72 किलोमीटर थी। इसकी दूरी 51 किलोमीटर रह जाएगी। भवाणा से नेरचौक की दूरी पहले 20 किलोमीटर थी, जो अब 14 किलोमीटर रहेगी।
कैंची मोड़ से नेरचौक तक 38 पुल लगभग तैयार, अप्रैल तक बन जाएंगी पांचों टनल
कैंची मोड़ से नेरचौक तक 22 मेजर पुल, 14 छोटे पुल और दो रोड ओवर पुल लगभग तैयार हैं। इन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। पांच टनलों के दोनों छोर मिला दिए हैं। अप्रैल तक टनल तैयार हो जाएंगी। गाबर कंपनी के महाप्रबंधक कर्नल बीएस चौहान ने कहा कि दूसरा चरण अप्रैल में तैयार कर फोरलेन प्राधिकरण को सौंप देंगे।
दूसरे फेज में 47 किलोमीटर ग्रीन फील्ड
फोरलेन में 30 किलोमीटर ब्राउन फील्ड तैयार किया गया है। 47 किलोमीटर ग्रीन फील्ड का निर्माण जोरों पर है। इसके अलावा किरतपुर से मनाली तक 181 किलोमीटर लंबे फोरलेन को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जून तक तैयार कर देगा।