Himachal: एचआरटीसी के बेड़े में जल्द शामिल होंगी नई बसें - खटारा बसों से मिलेगी निजात - जानिए कब एचआरटीसी के बेड़े में शामिल होंगी बसें

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एचआरटीसी के बेड़े में जल्द 350 नई बसें शमिल होने वाली है। इन बसों की खरीद के लिए एचआरटीसी ने टाटा कंपनी को आर्डर दिया है। एचआरटीसी टाटा कंपनी से बीएस-6 मॉडल की बसें खरीदेगा। इन बसों में जहां यात्रियों को आरामदायक सफर मिलेगा, तो कम ईंधन में ज्यादा माइलेज भी मिलेगी। एचआरटीसी अधिकारियों का कहना हैं कि इन बसों में सिक्योरिटी फीचर भी काफी अच्छे हैं। ऐसे में यात्रियों को आरामदायक सफर के साथ सुरक्षा भी मिलेगी।

एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने खुद बसों की टेस्ट ड्राईव की हैं। टेस्ट ड्राईव करने के बाद प्रबंध निदेशक बसों के कंफर्ट, सेफ्टी और माइलेज समेतत अन्य फीचर से संतुष्ट हैं। एचआरटीसी कुल 350 बसों की खरीद करने वाला है। इनमें से 175 बसें 46 सीटर हैं। 150 बसें 36 सीटर हैं और 25 बसें छोटी शामिल हैं। इस बार इन बसों की सप्लाई गोवा से आएगी।एचआरटीसी द्वारा खरीदी जाने वाली बसों की कीमते अलग अलग हैं। बताया जा रहा है कि बसों की कीमत 27 और 28 लाख से शुरू होती हैं। एचआरटीसी एमडी संदीप कुमार ने बताया की यह बसें फरवरी महीने के अंत तक एचआरटीसी के बेड़े में शामिल हो जाएगी। 

एक अप्रैल 2020 से सिर्फ बीएस-6 मानक वाली ही गाडिय़ां

भारत में एक अप्रैल 2020 से सिर्फ बीएस-6 मानक वाली ही गाडिय़ां ही बिक रही है। आपको बता देते हैं कि बीएस का मतलब होता है भारत स्टेज। इसका सीधा संबंध उत्सर्जन मानकों से होता है। दरअसल बीएस-6 इंजन से लैस वाहनों में खास फिल्टर लगेंगे, जिससे 80-90 फीसदी पीएम 2.5 जैसे कण रोके जा सकेंगे इससे नाइट्रोजन ऑक्साइड पर नियंत्रण लग सकेगा। जिसकी वजह से प्रदूषण पर काफी रोक लगेगी। 

परिवहन विशेषज्ञों और ऑटो एक्सपर्ट के मुताबिक बीएस-6 गाडिय़ों में हवा में प्रदूषण के कण 0.05 से घटकर 0.01 रह जाएंगे। जिससे वातावरण साफ़ रहेगा। बीएस-6 इंजन से लैस गाडिय़ों से (पेट्रोल और डीजल) होने पर प्रदूषण 75 फीसदी तक कम होगा। बीएस-6 में प्रदूषण फैलाने वाले खतरनाक पदार्थ काफी कम होंगे। जानकारी के लिए बता दें कि बीएस-4 और बीएस-3 फ्यूल में सल्फर की मात्रा 50 पीपीएम तक होती है जोकि हमारे लिए काफी खतरनाक है जबकि बीएस-6 में यह सिर्फ 10 पीपीएम तक रह जाती है, यानी प्रदूषण काफी कम होगा।

खटारा बसों से मिलेगा छुटकारा

नई बसों के आने से प्रदेश के लोगों को खटारा बसों से छुटकारा मिलेगा। प्रदेश में सैंकड़ो बसें ऐसी हैं जिनकी जीरो बुक वेल्यू समाप्त हो जाती हैं। प्रदेश के कई रूट तो ऐसे हैं जिन पर जाने वाली बसें आए दिन खराब होती रहती हैं। इन बसों के खराब होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नई बसों के आने से खटारा बसों को रिप्लेस किया जाएगा। खटारा बसों के रिप्लेस होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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