छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे और शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री पद को लेकर कहा कि कई नामों पर चर्चा हो रही है। तमाम समीकरण देखे जा रहे हैं।
हमें इसे नवनिर्वाचित विधायकों के निर्णय पर छोड़ देना चाहिए। यह उनका विशेषाधिकार है। जनता ने अपना फैसला लिया है। अब यह विधायकों को तय करना है कि वे अपने नेता के रूप में किसे चाहते हैं।
विधायक दल की बैठक से पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि वीरभद्र सिंह के परिवार की उपेक्षा नहीं की जा सकती। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस वीरभद्र सिंह के नाम, चेहरे और काम पर जीती है। ऐसा नहीं हो सकता कि उनके नाम, चेहरे और परिवार का उपयोग करें और किसी और को श्रेय दें। हाईकमान ऐसा नहीं करेगा।