हिमाचल प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने क्षतिग्रस्त वाहन के क्लेम के लिए वाहन मालिक को हकदार ठहराया है। जिला उपभोक्ता आयोग मंडी ने बालक राम की याचिका को खारिज कर दिया था। आयोग ने इंश्योरेंस कंपनी को 2,76,186 रुपये अदा करने के आदेश दिए हैं। इस राशि पर नौ फीसदी ब्याज देने को भी कहा गया है।
आयोग ने 20 हजार मुआवजा और 10 हजार रुपये मुकदमेबाजी खर्च देने के आदेश भी दिए हैं। निर्णय की अनुपालना के लिए आयोग ने इंश्योरेंस कंपनी को 45 दिनों का समय दिया है। बीमा अवधी के दौरान हुई दुर्घटना से शिकायतकर्ता की गाड़ी को काफी नुकसान हुआ था। इंश्योरेंस कंपनी ने 2,76,186 रुपये गाड़ी का नुकसान आंका था।
कंपनी ने यह कहकर नुकसान देने से मना कर दिया था कि चालक ने इंश्योरेंस पॉलिसी के नियमों का उल्लंघन किया है। इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दलील दी गई कि शिकायतकर्ता ने दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को कबाड़ में बेचा है।जिला उपभोक्ता आयोग मंडी ने इंश्योरेंस कंपनी की दलीलों से सहमती जताते हुए याचिका को खारिज कर दिया था। इस निर्णय को याचिकाकर्ता ने अपील के माध्यम से राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के समक्ष चुनौती दी गई।
सेवानिवृत न्यायाधीश इंद्र सिंह मेहता, सदस्य सुनीता शर्मा और आरके वर्मा की पीठ ने अपील को स्वीकार कर दिया। आयोग ने अपने निर्णय में कहा कि वैध बीमा अवधी के दौरान हुई दुर्घटना में क्षतिग्रस्त वाहन के पूरे नुकसान की भरपाई करने के लिए कंपनी बाध्य है।