हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मनाली में सोलंग गांव को जोड़ने के लिए बने लकड़ी के अस्थायी पुल के साथ दो किशोरों के बहने की घटना के बाद लोगों में भारी आक्रोश है। मंगलवार को जब लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर पुल के निर्माण का जायजा लेने के लिए झूला पुल से आ रहे थे तो गुस्साए सोलंग गांव के ग्रामीणों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
इसी बीच घेराव के डर से अधिकारियों ने झूला पुल की रस्सी काट दी जिससे वे नदी के ऊपर हवा में लटक गए। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों को पुल के निरीक्षण के लिए भेजा गया था, लेकिन मौके पर नहीं पहुंचे। आरोप है कि पुलिस व एडीएम के सामने ही झूला पुल की रस्सी काट दी और बीच में ही फंस गए।
इससे स्थानीय लोग भी अब झूल पुल का इस्तेमाल करने से वंचित हो गए हैं। लोगों का आरोप है कि गांव को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा पुल 10 वर्ष में भी बनकर तैयार नहीं हो पाया। जान जोखिम में डालकर लोगों को अस्थायी पुल से नदी पार करनी पड़ती है। लेकिन सोमवार को पुल बह गया।साथ ही पुल पार कर रहे दो किशोर भी बह गए, जिनके शव मंगलवार सुबह ब्यास नदी से बरामद किए गए। इस हादसे के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ भारी रोष है। ग्रामीण संबंधित विभागीय अधिकारियों को निलंबित करने की मांग पर अड़े हैं। एसडीएम मनाली डॉ. सुरेंद्र ठाकुर भी मौके पर पहुंचे। लेकिन, ग्रामीण जिले के बड़े अधिकारी के मौके पर आने की बात पर अड़े हुए हैं।