मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद नेरचौक मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कोच यशविंद्र को अस्पताल पहुंचाने वाले लोग क्षेत्रीय अस्पताल में उचित उपचार न देने का भी आरोप लगा रहे हैं।
लोगों का कहना है कि यदि क्षेत्रीय अस्पताल में ही कोच को उचित उपचार मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी। कार्यकारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सतीश शर्मा ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक वेनम मौजूद है। सर्पदंश से पीड़ित लोगों को यह वेनम लगाई भी जा रही है। इस मामले की फाइल मंगवाकर जांच की जाएगी।