फिर आगे क्या हुआ कुछ पता नही चला, पीड़ित किशोरी लाल (41) ने बताया कि अचेत हालत में हमे HRTC बस परिचालक द्वारा ऊना के बस स्टेंड उतारा गया और हमारे फोन से हमारे परिजनों को फोन के माध्यम से जानकारी दी गई।
इनका एक बैग हमारी बस में ही रह गया. जिसको हमने धर्मशाला के डीपू मे जमा करवा दिया है, वही दूसरे पीड़ित रविन्द्र कुमार (40) के परिजनों ने भी इस घटना की जानकारी दी और अपनी शिकायत ऊना पुलिस थाना में दर्ज करवाने की बात भी कही है।