हरियाणा के इस होटल में शूटरों ने मनाया था मूसेवाला की मौत का जश्न, फर्जी आईडी पर बुक हुआ था कमरा

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फतेहाबाद | पंजाबी गायक सिद्दू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे- वैसे रोजाना नई- नई कड़ियों के जुड़ने से जांच में नए खुलासे हो रहे है. 29 मई को मर्डर के बाद मानसा से सभी शूटर्स अलग- अलग रुट्स से भागे. इनमें से 2 शूटरों सहित चार लोग मानसा से फतेहाबाद रूट पर नेशनल हाईवे-9 पर स्थित होटल में कुछ घंटों के लिए ठहरे थे. सांवरिया नाम के इस होटल में शूटरों के ठहरने की भनक लगते ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने होटल के मालिक पवन को गिरफ्तार किया था. हालांकि पुछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया था.

इस होटल की दूसरी मंजिल पर स्थित कमरा नंबर 207 में ये सभी चारों लड़के ठहरे थे. होटल में कमरा बुक करने के लिए इन्होंने सुमित निवासी झज्जर के फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था. इन शूटरों ने उपर का कमरा जानबूझकर लिया था ताकि पुलिस आने पर पिछले दरवाजे से भागने में आसानी हो. वहीं जानकारी यह भी मिल रही है कि ये चारों लड़के पूरी रात इसी होटल में ठहरे थे. इन्होंने यहां शराब पीते हुए पूरी रात जश्न मनाया था.

लेकिन इन लोगों ने होटल के रजिस्टर में रुकने का समय मात्र ढाई घंटे ही डाला था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों का नेटवर्क जोड़ते हुए 20 जून को इस होटल पर दबिश दी और होटल के एक बिजनेस पार्टनर पवन को अपने साथ पूछताछ के लिए लेकर चली गई थी, जिसे कल छोड़ दिया गया है.

होटल मालिक पवन ने इस मामले में पुलिस को अपनी मौजूदगी चंडीगढ़ में दिखाई थी और उसके वहां कई दिन से रहने के सबूत भी पेश किए जिसके बाद पुलिस ने पवन को छोड़ दिया. लेकिन इसी होटल की कड़ियों को जोड़ते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फतेहाबाद जिले के गांव से दो लड़कों विक्रम और काला को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार काला नाम का शख्स लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सम्पर्क में था और शूटर्स को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने में अहम भूमिका निभाई थी जिसके आधार पर दिल्ली पुलिस ने विक्रम और काला को गिरफ्तार किया था.

वहीं सिद्धू मुसेवाला के मर्डर के बाद जो शूटर्स इस होटल में ठहरे थे उनका लिंक खंगाला जा रहा है क्योंकि मानसा से फतेहाबाद आने वाले कई रूटों पर इनकी गाड़ियां दौड़ी थी. यही वजह है कि जांच एजेंसियां बाकी बचे हुए शूटरों को पकड़ने के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाली कड़ियां जोड़ने में जुटी हुई हैं.

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