देश में इस योजना से फैले आक्रोश में 66 युवाओं की मौत होना सरकार के लिए कोई अचछे संकेत नहीं हैं। इससे पहले कि नुक्सान ज्यादा हो, सरकार को इस योजना पर अंकुश लगाकर वापस ले लेना चाहिए। सरकार यदि इस योजना को वापस नहीं लेती है तो प्रदेश कांग्रेस खंड स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक हर प्लेटफार्म पर इसका विरोध करेगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र व प्रदेश सरकार की होगी।
बंबर ठाकुर ने कहा कि यह शर्म की बात है कि पूरे देश के युवा इस अग्निपथ योजना का सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे हैं और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री इस योजना को युवाओं के भविष्य को लेकर स्वर्णिम अवसर बता रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केंद्र सरकार की किसान बिल को लेकर फजीहत हुई है, उसी प्रकार यह अग्निपथ योजना भी सरकार के गले की फांस बनने वाली है। 4 साल नौकरी करवाने के बाद 75 प्रतिशत युवाओं को घर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। उनके हाथ में न पैंशन, न कोई पद और न ही भविष्य की कोई रणनीति होगी।