जिला कांग्रेस सेवादल के महामंत्री संदीप सांख्यान ने कहा है कि रिजनल अस्पताल बिलासपुर में अव्यवस्था का आलम यह हो चला है कि अस्पताल में चार एलिवेटर लिफ्ट लगी है जिनमें एक भी काम नहीं कर रही है। जिला अस्पताल का प्रशासन और प्रदेश सरकार में सदर विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि क्या इतने असहाय हो चुके हैं की बड़े बुजुर्गों या किसी आपातकालीन सेवाओं हेतु लिफ्ट एलीवेटर का प्रयोग करना पड़े तो उनको सिर्फ राम भरोसे रहकर ही इलाज मिल सकता है।
जिला के सीनियर सीनियर सिटीजन के अलावा आपातकालीन सेवाओं के लिए उपयुक्त होने वाली चारों के चारों लिफ्ट एलीवेटर ठीक नही होने के कारण मरीज़ों और उनके तीमारदारों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दुर्भाग्यपूर्ण बात तो तब हुई कि आज जिला अस्पताल में 90 वर्षीय बुजुर्ग अपना इलाज करवाने हेतु अस्पताल आए, जिस चिकित्सक को दिखाना था वह ऊपर की मंजिल में बैठते हैं घुटनों की दर्द के कारण और बुढ़ापे के चलते वह बुजुर्ग सीढ़ियां नहीं चढ़ सकते थे जब उनको यह मालूम हुआ कि जिला अस्पताल में जो मुख्य एलिवेटर लिफ्ट है वह काम नहीं कर रही है तो उनको निराश होकर बिना इलाज करवाए वापस घर का रुख करना पड़ गया।
क्या अब प्रश्न उठता है की जिला अस्पताल की इन अव्यवस्थाओं के लिए कौन जिम्मेदार है जिला अस्पताल पहले ही चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है लेकिन उसके उपरांत भी यहां पर इन सारी सुविधाओं का ना होना अस्पताल प्रशासन और प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े करता है।
इसके अलावा जिला के रिजनल अस्पताल में अव्यवस्थाओं का यह आलम देखने को मिलता है जो आज तक नहीं रह है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से आम चिकित्सा विभाग के मेडिसिन स्पेशलिस्ट उपलब्ध नहीं है लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों हेतु जिला से बाहर जाना पड़ता है। आलम यह है की शुगर और बीपी जैसे कॉमन बीमारियों हेतु ही लोगों को या तो निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है या फिर आईजीएमसी शिमला या पी जी आई चंडीगढ़ जाना पड़ता है, क्योंकि एम्स बिलासपुर ने अभी तक अपना काम सुचारू रूप से शुरू नहीं किया है, इसके अस्पताल में एक भी सर्जन नहीं है।
जिला अस्पताल में एक भी साइकेट्री का डॉक्टर नहीं है लोगों में खासकर युवाओं में नशे का और डिप्रेशन की बीमारियों के कारण मनोचिकित्सक का होना बड़ा आवश्यक है। लेकिन बिलासपुर की जनता देख लें कि रीजनल अस्पताल में पिछले कुछ महीनों से यह पद भी खाली चल रहा है, इसके अलावा बच्चों के और हड्डी विशेषज्ञ केवल एक एक ही चिकित्सक है जबकि अस्पताल की ओपीडी में भीड़ किसी साधारण से दिखने वाले मेलों से कहीं ज्यादा है।
मेरा प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ विभाग से अनुरोध है कि जिला बिलासपुर का रिजनल अस्पताल भी आपके ही अधिकार क्षेत्र में आता है, कृप्या इस और भी ध्यान दें।