बताया जा रहा है कि आरोपी बंसल ने पूरे उत्तर भारत में प्रतिबंधित और नशीली दवाओं के कारोबार से हिमाचल, पंजाब, राजस्थान में अवैध संपत्तियां बनाई हैं। आरोपी के रिश्तेदारों के नाम पर भी संपत्तियां हैं। नारकोटिक्स सेल की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने आरोपी के अलावा उसकी पत्नी सहित आठ लोगों के बैंक खाते सीज किए हैं।
आरोपी बंसल राजस्थान में जिस दवा विक्रेता साथी को दवाएं सप्लाई करता था, वह अभी एसआईटी की पकड़ से बाहर है। अब ईडी उसे पकड़ने का प्रयास करेगा।एसआईटी सूत्रों का कहना है कि छानबीन में यह भी सामने आया है कि 2018-19 में पंजाब में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के उल्लंघन को लेकर कंपनी का थोक दवा लाइसेंस रद्द भी हो चुका है।
इसके साथ ही कंपनी ने 2019 में बद्दी में अपना थोक दवा व्यवसाय शुरू किया था। पंजाब के बरनाला में भी कंपनी की एक फार्मा फैक्ट्री चल रही थी। यह पाया गया है कि दो साल के भीतर प्रतिबंधित और नशीली दवाओं के अवैध कारोबार से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन कंपनी ने किया है।
कई कंपनियां है जांच के दायरे में
नारकोटिक्स सेल की एसआईटी के मुताबिक जैनेट कंपनी का 25 कंपनियों के साथ लेन-देन चल रहा था। इन कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए शिमला बुलाया जा रहा है
कई कंपनियां है जांच के दायरे में
नारकोटिक्स सेल की एसआईटी के मुताबिक जैनेट कंपनी का 25 कंपनियों के साथ लेन-देन चल रहा था। इन कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए शिमला बुलाया जा रहा है