इसमें भाजपा के कई अन्य पदाधिकारी भी शामिल हुए थे। निगम पार्षदों को भी लंच पार्टी में बुलाया गया था, लेकिन कुछ पार्षद ही इसमें शामिल हुए। लंच का बिल 36,000 रुपये बना। भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी लंच के बाद चले गए।
भाजपा पार्षदों ने रेस्तरां के कर्मचारियों से बिल लिया और पैसा इकट्ठा होने के बाद चुकता करने का भरोसा दिया। अब तक पार्षदों ने यह बिल नहीं भरा है। इससे रेस्तरां के कर्मचारियों को चिंता सता रही है कि यदि पैसा नहीं मिला तो उनकी तनख्वाह से बिल काटा जा सकता है।
इनमें कई कर्मचारी आउटसोर्स पर रखे हैं। नेताओं ने इन्हें भरोसा दिया था कि एक दो दिन में बिल चुकता हो जाएगा। अब नेता नदारद हैं। लंच पार्टी में शामिल भाजपा पार्षद महापौर समेत साथी पार्षदों से बिल के लिए सहयोग देने के लिए कॉल कर रहे हैं। कॉल आने के बाद कुछ पार्षद तो पैसा दे चुके हैं, लेकिन कुछेक ऐसे हैं जो पैसा देने से साफ मुकर गए हैं। सभी पार्षदों से दो से ढाई हजार रुपये की मदद मांगी गई है। सूत्रों के अनुसार 24 अप्रैल रविवार शाम तक रेस्तरां का बिल जमा नहीं किया गया है।
महापौर बोलीं, शिमला आते ही दे दूंगी पैसे
इनमें कई कर्मचारी आउटसोर्स पर रखे हैं। नेताओं ने इन्हें भरोसा दिया था कि एक दो दिन में बिल चुकता हो जाएगा। अब नेता नदारद हैं। लंच पार्टी में शामिल भाजपा पार्षद महापौर समेत साथी पार्षदों से बिल के लिए सहयोग देने के लिए कॉल कर रहे हैं। कॉल आने के बाद कुछ पार्षद तो पैसा दे चुके हैं, लेकिन कुछेक ऐसे हैं जो पैसा देने से साफ मुकर गए हैं। सभी पार्षदों से दो से ढाई हजार रुपये की मदद मांगी गई है। सूत्रों के अनुसार 24 अप्रैल रविवार शाम तक रेस्तरां का बिल जमा नहीं किया गया है।
महापौर बोलीं, शिमला आते ही दे दूंगी पैसे
इस बारे में महापौर सत्या कौंडल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह अभी शिमला से बाहर हैं। शिमला आते ही पैसे दे देंगी। कहा कि सभी पार्षद इसमें सहयोग कर रहे हैं। कोई बिल देने से नहीं मुकरा है। लंच पार्टी या बिल कोई बड़ी बात नहीं है।