नए डॉक्टरों की तैनाती जोनल अस्पतालों, सिविल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में की जानी है। इनकी तैनाती से प्रदेश में डॉक्टरों की कमी काफी हद तक दूर होगी। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जिला अस्पतालों में डॉक्टरों के पद भरे जाने से मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का भार कम पड़ेगा।
अभी साधारण बीमारियों के चलते लोग आईजीएमसी, टांडा और अन्य चार मेडिकल कॉलेजों में उपचार करवाने के लिए आते हैं। ऐसे में प्रतिदिन ओपीडी में मरीजों की खासी भीड़ रहती है। उधर, प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से बजट में की गई घोषणाओं को सिरे चढ़ाया जा रहा है।
डॉक्टरों के पद भरे जाने हैं। इसकी तैयारियां शुरू की गई हैं। अस्पतालों के अलावा प्रदेश जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा सुदृढ़ करने के लिए अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती की जानी है। खाली पदों की भी रिपोर्ट मांगी गई है।