पूर्व सैनिक कर्मचंद ने इसकी शिकायत एनएच अथॉरिटी से की और जल्द गड्ढों को भरने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद कर्मचंद खुद ही गैंती और बेलचा उठाकर इन गड्ढों को भरने में जुट गए। नाले के रूप में बदल चुकी सड़क के सुधार शुरू कर दिया। पूर्व सैनिक का यह प्रयास क्षेत्र में मिसाल बन गया है।
पूर्व सैनिक कर्मचंद ने कहा कि सामरिक दृष्टि से अहम मंडी-पठानकोट हाईवे पर रोजाना हजारों पर्यटकों के वाहनों के अलावा भारतीय सेना के वाहन और परिवहन निगम की बसें आवागमन करती हैं। तीखे मोड़ पर बारिश के पानी के तेज बहाव से अरसे पहले सड़क तहस-नहस हो गई है।
इस कारण हादसे हो रहे थे। शिकायत पर जब किसी ने भी कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने अपने बलबूते सड़क की हालत सुधारने का जिम्मा उठाया। उधर, डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने कहा कि ऐसे लोगों के प्रयास सराहनीय हैं। एनएच प्रतिनिधियों की आगामी बैठक में सड़क की जर्जर हालत को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी।