मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भी कुछ अखबार और न्यूज पोर्टल में इस तरह की खबरें देखी हैं, जिसमें सच्चाई नहीं है। इस खबर को लेकर जनता के बीच माननीयों को लेकर गलत मैसेज गया और इसमें टिप्पणियां भी गलत आ रही हैं।
कुछ कर्मचारी कह रहे हैं कि माननीयों की मौज हो रही है और कर्मचारियों की पैंशन के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ें और पैंशन का लाभ उठाएं। सरकार ने कोई पैसा नहीं बढ़ाया है जबकि एक्चुअल कॉस्ट देने का माननीयों को प्रावधान किया है जोकि 7500 रुपए से कम भी हो सकती है।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि संस्थान के खिलाफ मीडिया में गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग पर ध्यानपूर्वक अध्ययन करने के बाद विधानसभा नियमों के तहत इसके खिलाफ कार्यवाही करेंगे।