उन्होंने कहा कि वह इस बारे में मानहानि का दावा करना चाह रहे थे पर अधिवक्ताओं ने कहा कि सदन में कही बात पर यह नहीं हो सकता। जो मामला अब उन पर कोर्ट में भी खत्म है, उस पर बेबुनियाद की टिप्पणी हो रही है। जो पहले निर्दलीय थे, अब भाजपा में, कल आम आदमी पार्टी में जाएंगे, वे ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं।
इस पर वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि वह मंत्री का नाम लें। इन्हें नाम लेने में क्या दिक्कत है। कोई किसी से डरता नहीं है। सब जानते हैं कि किसको किसकी खलड़ी में रहना है। विक्रमादित्य भी अपनी खलड़ी में रहें। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा- मंत्री जी! आप सॉरी फील करें। वीरभद्र कोई सामान्य व्यक्ति नहीं थे। उनके बारे में इस तरह की टिप्पणी करना सही नहीं है।
मुख्ममंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जब वह सदन में नहीं थे तो यहां यह घटना हुई थी। लोकतांत्रिक व्यवस्था में अगर एक व्यक्ति को बात कहने का हक है तो दूसरे को भी है। वीरभद्र सिंह को सब सम्मान देते थे। इस तरह की बातों को इग्नोर करना चाहिए। विक्रमादित्य ने भी खलड़ी में रहने की बात करते हुए जिस तरह से कहा है, उससे भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचना स्वाभाविक है। ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए।
वीरभद्र सिंह के ही डायलॉग से किया मंत्री पर जुबानी हमला
विक्रमादित्य सिंह ने वीरभद्र सिंह के ही डायलॉग से मंत्री पर हमला किया। वीरभद्र कई बार विरोधियों के खिलाफ पहाड़ी बोली के इस शब्द का इस्तेमाल करते थे। मंत्री ने विक्रमादित्य सिंह पर कुछ दिन पहले वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई में चले मामले पर जुबानी हमला बोला था।