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हिमाचल : BJP जिला महामंत्री की ‘प्राथमिक सदस्यता’ रद्द, मंत्री पठानिया पर बरसे निक्का

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धर्मशाला. हिमाचल प्रदेश में साल 2012 में भाजपा के टिकट से नूरपुर से चुनाव लड़ चुके और वर्तमान में पार्टी के जिला महामंत्री रणवीर सिंह निक्का को भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया है. उनकी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी गई है. यह बात उन्होंने खुद कही है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
भाजपा की मेंबरशिप से निकालने के बाद सूचना का गिला लेकर निक्का धर्मशाला पहुंचे और उन्होंने ना केवल कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष अजय महाजन को रडार पर लिया, बल्कि नूरपुर से अपनी ही पार्टी के मौजूदा विधायक और सरकार में मंत्री राकेश पठानिया पर भी हमला बोला.

इस दौरान निक्का का हमला विपक्षी पार्टी के ऊपर कम और अपनी पार्टी और पार्टी के नेता पर ज्यादा नजर आया. दरअसल, निक्का ने सबसे पहले तो अपनी पार्टी द्वारा उनकी प्राथमिक सदस्यता को रद्द करने की ख़बर का जिक्र करते हुये कहा कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से ये जानकारी हासिल हुई है कि उनकी पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी है.

निक्का ने कहा कि हालांकि ये खबर कितनी सच है ये बात वो नहीं जानते इसलिये क्योंकि उन्हें अभी तक पार्टी की ओर से ऐसी कोई लिखित सूचना नहीं मिली है कि पार्टी लाइन से हटकर काम करने के लिये उनकी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी, मगर फिर भी वो ये बात स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि अगर पार्टी अपने नाराज कार्यकर्ताओं की प्राथमिक सदस्यताओं को इसी तरह से रद्द करती रही तो आज उनका कुनबा खाली हो जाएगा.

भाजपा पार्टी के मौजूदा विधायक और मंत्री से खफा रणवीर सिंह निक्का ने कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया हमला बोला. उन्होंने पठानिया के पहले चुनाव से लेकर अब तक की हर हरकत का बयान किया. निक्का ने पठानिया और अजय महाजन दोनों पर चोट करते हुये कहा कि दोनों ही नेता निक्का के बढ़ते कद को देखते हुये बौखला चुके हैं. नतीजतन, जो अजय महाजन चुनाव के तुरंत बाद नूरपुर में अपनी रिहायश को रात के 12 बजे ताला लगातर फुर्र हो गये थे, आज वहीं महाजन अब पठानकोट से नूरपुर वापसी पर मजबूर हो चुके हैं. 

सुना है कि उन्होंने यहां अब नई रिहायश भी बना ली है और उसका बाकायदा अभी अभी उद्घाटन भी करवा दिया है. निक्का ने कहा कि राजनीति का अर्थ समाज सेवा होता है, व्यापार नहीं. अगर व्यापार ही करना हो तो फिर उसी में ताल ठोकनी चाहिये. राजनीति में आकर व्यापार नहीं करना चाहिये, अन्यथा जनता इसका मजा चखाने में बड़ी देर नहीं लगाती है.

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