सरकार से एचआरटीसी पेंशनर्स की मांगों पर गौर करने की मांग
मंच ने नौ मार्च को शिमला मेें विधान सभा सत्र के दौरान विशाल प्रदर्शन करने का अल्टीमेटम दिया
बिलासपुर :हिमाचल प्रदेश सेवानिवृत परिवहन कल्याणकारी विकास मंच ने प्रदेश सरकार को अपनी लंबित मांगों के प्रति आगाह करते हुए कहा कि अगर बजट सत्र से पहले उनकी लंबित मांगों तथा लंबित पडे भुगतान को अदा नहीं किया तो आने वाले विधान सभा चुनावों में इसके गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने होंगे। उन्होंने सरकार से एचआरटीसी पेंशनर्स की मांगों पर गौर करने की मांग की है। मंच ने नौ मार्च को शिमला मेें विधान सभा सत्र के दौरान विशाल प्रदर्शन करने का अल्टीमेटम दिया है।
जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार पर होगी।यहां पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश सेवानिवृत परिवहन कल्याणकारी विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष बलराम पूरीए कार्यकारी अध्यक्ष बृजलाल ठाकुर ने कहा कि पिछले काफी समय से सेवानिवृत कर्मियों को न ही डीए मिल रहा है। न ही अन्य मांगों को पूरा किया जा रहा है। यहां तक कि इस माह भी परिवहन निगम के सेवानिवृत कर्मियों को अभी तक माह की 19 तारीख बीत जाने के बाद भी पेंशन नहीं मिल पाई है। जबकि अन्य विभागों से सेवानिवृत हुए कर्मचारी अगले माह की पेंशन का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवहन निगम के कर्मियों से भेदभाव की नीति सरकार द्वारा अपनाई जा रही है।
जिसे सहन नहीं किया जाएगा। बल्कि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम के सात हजार सेवानिवृत कर्मियों की अनदेखी हुई है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत कर्मियों की लीव इन केशमेंट 2018 से लंबित है। सेवानिवृत कर्मियों का डीए पूरा सरकार के कार्यकाल से लंबित हैं। वहींए वर्तमान सरकार के भी साढ़े चार साल बीत चुके हैं। 2015 से डीए नहीं मिला है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि परिवहन निगम के सेवानिविरित कर्मचारियों को भी छठे वेतनमान का लाभ समान प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से निगम को अब ट्रांसपोर्ट बनाना चाहिए।
जिससे सेवानिवृत कर्मियों की मांगों का भी समाधान हो सके। उन्होेंने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि न्यायालय द्धारा जो भी मामले सुलझाए गए हैं। उनके निर्णयों को तुरंत लागू किया जाए। इससे पहले बिलासपुर जिला परिषद भवन में हिमाचल प्रदेश सेवानिवृत परिवहन कल्याणकारी विकास मंच की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से नौ मार्च को शिमला मेें विधान सभा सत्र के दौरान विशाल प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। तथा कहा कि आंदोलन के बाद अगामी रणनीति तय की जाएगी।