जवाली: विकास खंड नगरोटा सूरियां के अधीन सकरी पंचायत में शुक्रवार को बड़ी लापरवाही देखने की मिली है तथा इस लापरवाही के कारण पंचायत में रखे रिकॉर्ड को खुर्दबुर्द करने सहित अन्य कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती थी। हुआ यूं कि शुक्रवार को देर शाम पंचायत कार्यालय के पास के दुकानदारों ने पंचायत भवन के अंदर की लाइट को जलते पाया तथा इसको देखकर जब कार्यालय में गए तो दरवाजे भी खुले ही पड़े हुए थे।
यह सब देखकर हर कोई सन्न हो गया कि आखिरकार इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है। स्थानीय लोगों व दुकानदारों ने कहा कि पंचायत की ऐसी लापरवाही के कारण कोई बड़ी घटना हो सकती थी तथा पंचायत में रखे दस्तावेजों को खुर्दबुर्द भी किया जा सकता था तथा कोई भी अप्रिय घटना भी घट सकती थी। इससे पहले कुछ माह पहले पंचायत बिलासपुर के कार्यालय में आगजनी की घटना घटित हो चुकी है जिसमें पंचायत का सारा रिकॉर्ड जलकर राख हो गया था। ऐसी कोई घटना पंचायत सकरी में भी घटित हो सकती थी। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना सकरी पंचायत प्रधान को दी तथा सकरी पंचायत प्रधान ने स्वयं आकर ताला लगवाया।
पंचायत प्रधान रोमन बक्कल के बोल:
इस बारे में पंचायत प्रधान रोमन बक्कल से बात हुई उन्होंने बताया कि उन्हें भी देर शाम दुकानदार ने फोन करके इस घटना के बारे में सूचित किया था और उसी समय मौके पर पहुंची और पंचायत कार्यालय को बंद किया। इस दिन पंचायत चौकीदार सुबह से ही विकास खंड अधिकारी के दफ्तर नगरोटा सूरियां में गया हुआ था जिसकी वहां ड्यूटी लगी हुई थी और शाम को पंचायत सचिव पंचायत कार्यालय से छुट्टी करके चले गए थे। इस घटनाक्रम पर बात करते हुए प्रधान ने माना कि हो सकता है किसी गलतफहमी की वजह से दरवाजे खुले रह गए होंगे। हालांकि सभी दस्तावेज सुरक्षित हैं।
पंचायत सचिव राजेन्द्र पाल के बोल:
इस बारे में जब सकरी पंचायत सचिव राजेंद्र पाल से बात हुई उन्होंने बताया की 5: बजकर 10 मिनट तक कार्यालय में ही मौजूद थे। उसके बाद वहां से चले गए थे। उन्होंने खुद ताला लगा कर के कार्यालय को बंद किया था। आखिरकार बड़ी हैरानी की बात है कि अगर पंचायत सचिव ने ताला लगा कर दरवाजे खुद बंद किए थे तो पंचायत कार्यालय को बाद में किसने खोला और इसके पीछे मंशा क्या थी?
बीडीओ सुषमा देवी के बोल:
जब विकास खंड अधिकारी सुषमा देवी से इस विषय पर बात हुई तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी मीडिया के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिली है जोकि बहुत ही चिंताजनक है। पंचायत कार्यालय के दरवाजे खुले होने से कोई भी पंचायत के दस्तावेजों के साथ छेड़खानी कर सकता है और कोई भी अप्रिय घटना घट सकती थी। इस मामले की पूरी छानबीन कर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वैसे तो पंचायत रिकॉर्ड की जिम्मेवारी सचिव की बनती है और यह जांच का विषय है की इसके पीछे किसकी लापरवाही है और किसकी वजह से यह घटना हुई है।