लेकिन उसके बाद आज 1 वर्ष से अधिक समय होने लगा, इस बस को बंद कर दिया। जबकि इस वस के चलने से जो युवा बद्दी नालागढ़ चंडीगढ़ प्राइवेट निजी उद्योगों में कार्य करते थे, उन्हें बहुत ही लाभ था। पर अब इस बस के बंद होने से बद्दी में काम करने वाले युवाओं को आने जाने के लिए बहुत परेशानी हो रही है।
क्योंकि यही एकमात्र सीधी बस इस क्षेत्र के लोगों के लिए थी, जो बद्दी में सैकड़ों युवा नगरोटा सूरियां, हरसर, स्पेल, कटोरा, सकरी, बिलासपुर, गुलेर हरिपुर ज्वाली इत्यादि इन पंचायतों से सैकड़ों युवा कार्य करते हैं, उनको आने जाने को होती थी। पर वो अब कोरोना के चलते बंद है।
तथा अब वहां पर काम करने वाले युवाओं ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा परिवहन मंत्री से मांग की है कि इस बस को फिर से चलाया जाए। ताकि वहां पर आने जाने के लिए कोई परेशानी ना हो। इन क्षेत्र के युवाओं ने भाजपा नेता समाज सेवक प्रदेश राज्य बचत सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष संजय गुलेरिया से भी मांग की है कि इस बस के बारे में मुख्यमंत्री तथा परिवहन मंत्री से स्वयं बात करके इस बस को शीघ्र चलाएं।
संजय गुलेरिया स्वयं भी बच्चों की समस्याओं को जानते हैं। क्योंकि इस क्षेत्र से कोई भी सीधी बस बद्दी के लिए नहीं है। जबकि लंबे समय से इस क्षेत्र के लोगों की मांग हरिद्वार के लिए भी चली आ रही है। जिसे आज तक सरकार द्वारा अनदेखा किया गया।
उधर एक बस जो धर्मशाला डिपो की धर्मशाला से जसूर के लिए सीधी सुबह सीधी हरसर होकर जाती है, लेकिन शाम को इस बस का रूट ज्वाली से नाणा कर दिया गया। जिसके कारण हरसर अन्य दूसरी पंचायतों में भारी रोष है।
क्योंकि लंबे समय से यह बस इसी रूट से जाती जाती थी तथा अब पता नहीं इस बस का रूट क्यों चेंज कर दिया। जबकि दूसरे रास्ते से बस में कोई ना तो यात्री बैठता है और बस खाली दौड़ती है और बस का कैश भी कम हो गया है। इसलिए ग्रामीणों ने मांग की है कि जिस तरह से पहले बस चलती थी उसी तरह चलनी चाहिए।
उधर पठानकोट परिवहन डीपू के आर एम राजेंद्र कुमार पठानिया से पूछा तो उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद बसों के रूट यात्री ना होने के कारण बंद करने पड़े हैं । लंबी दूरी की बसों के रूट बहुत बंद हो गए हैं। क्योंकि यात्री बसों में बैठते ही नहीं हैं, और खाली बसों को कैसे चलाएं । उन्होंने कहा कि मार्च के बाद बद्दी वाली बस को पुनः चलाने के लिए विचार किया जा रहा है, और समय बदला जाएगा। हो सका तो इस बस को बद्दी हरिद्वार तक का कर दिया जाएगा।
उधर कोरोना के बाद निजी क्षेत्र में काफी नुकसान हो रहा है। बहुत से निजी ट्रांसपोर्टरों द्वारा भी बसों में यात्रियों के ना होने के कारण अपनी बसें खड़ी कर दी हैं।